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    'यमुना के पानी में जहर', चुनाव आयोग ने केजरीवाल से मांगा सबूत; AAP प्रमुख को दी चंद घंटों की मोहलत

    Updated: Tue, 28 Jan 2025 11:50 PM (IST)

    Delhi Election 2025 चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को यमुना के पानी को जहरीला बताने पर नोटिस जारी किया है। आयोग ने उन्हें 29 जनवरी की शाम 8 बजे तक अपने आरोपों को प्रमाणित करने को कहा है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाए तो उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। आगे विस्तार से पढ़िए पूरा मामला।

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    भाजपा और कांग्रेस की शिकायत के बाद केजरीवाल को नोटिस जारी किया गया।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली की यमुना के पानी को जहरीला बनाने के भाजपा एवं हरियाणा सरकार पर जो आरोप लगाया है, उस पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है। 

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    आयोग ने उन्हें 29 जनवरी की शाम आठ बजे तक अपने आरोप को प्रमाणित करने को कहा है। अगर ऐसा नहीं है तो उनके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने यह कदम भाजपा नेताओं और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित की शिकायत के बाद उठाया है।

    आयोग ने कार्रवाई करने को कहा

    चुनाव आयोग ने कहा कि केजरीवाल एक प्रतिष्ठित नेता हैं, उनके बड़ी संख्या में समर्थक हैं। ऐसे में उन्होंने जिस तरह से बायोलाजिकल वार (जैविक युद्ध) की बात की है, वह गंभीर विषय है। यदि वह आरोपों को प्रमाणित नहीं कर पाए तो जिन धाराओं में आयोग ने कार्रवाई करने को कहा है, उनमें तीन वर्ष की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। 

    आयोग ने आरोपों को बेहद गंभीर माना

    आयोग ने आरोपों को बेहद गंभीर माना है और दिल्ली सरकार व दिल्ली जल बोर्ड से कहा है कि वे जांच कराएं और अगर ऐसा है तो तत्काल सभी जरूरी कदम उठाएं। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की। 

    केजरीवाल ने कोई सुबूत प्रस्तुत नहीं किया: भाजपा

    उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की यमुना के पानी में हरियाणा द्वारा जहर मिलाने का जो आरोप केजरीवाल व आप नेताओं ने लगाया है, वह न सिर्फ झूठा और भ्रामक है, बल्कि दिल्ली एवं हरियाणा के बीच आपसी सद्भाव बिगाड़ने का भी प्रयास है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि केजरीवाल ने कोई सुबूत प्रस्तुत नहीं किया है। 

    आप नेताओं ने आरोप लगाया

    यही नहीं, आप नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर उस पानी को रोक लिया, जिसमें जहर मिला है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड ने ही एक्स पर पोस्ट में इन आरोपों का खंडन करते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी के बयान को भ्रामक एवं असत्य बताया है। 

    भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से कहा कि इस तरह बिना किसी आधार या सुबूत के आरोप लगाकर व भड़काऊ बयान देकर केजरीवाल ने न सिर्फ चुनावी नीति व मर्यादा का उल्लंघन किया है, बल्कि दिल्ली की जनता के बीच भय पैदा करने का भी प्रयास किया है। 

    अपना बयान वापस लेते हुए माफी मांगें: भाजपा

    आप नेताओं के इस कृत्य को भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं, आपदा प्रबंधन अधिनियम और आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मांग रखी कि केजरीवाल को निर्देशित किया जाए कि वह अपना बयान वापस लेते हुए माफी मांगें। 

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    केजरीवाल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए, उनके दिल्ली चुनाव प्रचार में शामिल होने पर रोक लगाने के साथ ही आयोग मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी के माध्यम से इन भ्रामक आरोपों के प्रसार पर रोक लगवाए। प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी डा. संजय मयूख और संकेत गुप्ता भी शामिल थे।

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