भूकंप की स्थिति से निपटने के लिए कौन विभाग कितना तैयार? मॉक ड्रिल में लिया गया जायजा
पश्चिमी दिल्ली के रमेश नगर मेट्रो स्टेशन पर भूकंप की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में डीडीएमए अग्निशमन दल सिविल डिफेंस और अस्पताल की टीमों ने हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना था। नागरिकों से अपील की गई कि वे घबराएं नहीं और इसे आपदा तैयारी का हिस्सा समझें।

जागरण संवाददता, पश्चिमी दिल्ली। सुबह 9.10 बजे पश्चिमी जिला की डीडीएमए को कॉल आया कि रमेश नगर मेट्रो स्टेशन की इमारत भूकंप में गिर गई है। कई लोग मलबे में दबे हैं। सूचना मिलते ही डीडीएमए की पूरी टीम मेट्रो स्टेशन पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए।
राहत एवं बचाव में अग्निशमन, सिविल डिफेंस, अस्पताल सभी की टीमें तत्काल जुट गईं। रमेश नगर मेट्रो स्टेशन पर मौजूद लोग भूकंप की परिकल्पना पर आधारित इस मॉकड्रिल को देखकर कुछ देर के लिए चौंके लेकिन शीघ्र ही उन्हें पता चल गया कि यह मॉकड्रिल है और वे इसमें सहयोगी की भूमिका निभाने लगे।
भूकंप और औद्योगिक रासायनिक दुर्घटनाओं जैसी बड़ी आपदाओं की स्थिति में, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया की रणनीतियों का अभ्यास करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा, ट्रिनिटी फाउंडेशन, दिल्ली पुलिस, और दिल्ली सरकार के सहयोग से ब्लू लाइन पर स्थित मेट्रो स्टेशन पर मॉक ड्रिल का अभ्यास किया।
जिले के डीडीएम अधिकारी एसडीएम डा नितिन शाक्या के नेतृत्व में आयोजित इस मॉक ड्रिल को सुरक्षा चक्र नाम दिया गया। मॉक ड्रिल के दौरान मिले नतीजों की अब प्राधिकरण समीक्षा करेगा, ताकि संबंधित विभागों को जरुरी सलाह दी जा सके ताकि वे और अधिक बेहतर तरीके से राहत एवं बचाव कार्य कर सकें।
रीयल-टाइम ट्रैकिंग और मेट्रो समन्वय के साथ संयुक्त अभ्यास
रामेश नगर मेट्रो स्टेशन, जिसे एक उच्च यात्री संख्या वाला शहरी ट्रांजिट क्षेत्र माना गया, को इस मॉक ड्रिल के लिए प्रमुख स्थल के रूप में चुना गया। यह अभ्यास विशेष रूप से पीक मेट्रो समय और भारी यातायात की स्थिति में, बड़े भूकंप परिदृश्य से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
मॉक ड्रिल के दौरान आपातकालीन एंबुलेंस की रीयल-टाइम ट्रैकिंग, जिससे स्वास्थ्य टीमें ट्रैफिक से प्रभावित क्षेत्रों में भी तेजी से पहुँच सकें और समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकें। डीएमआरसी ने भी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए यात्री निकासी, प्लेटफ़ार्म स्तर पर प्राथमिक चिकित्सा और कमांड समन्वय का कुशलतापूर्वक अनुकरण किया।
मॉक ड्रिल से पूर्व नागरिकों को अग्रिम सूचना देते हुए लोगों से अनुरोध किया गया था कि वे घबराएं नहीं और इस अभ्यास को आपदा लचीलापन और सामुदायिक सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखें। - डॉ. नितिन शाक्या, एसडीएम सह प्रभारी डीडीएमए, पश्चिमी जिला
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