दिल्ली पुस्तक मेला 2025 की तैयारियां जोरों पर, पहली बार दिल्ली सरकार का लगेगा एकीकृत स्टॉल
दिल्ली में पहली बार दिल्ली सरकार पुस्तक मेले में एक एकीकृत स्टाल लगाएगी जिसमें सभी भाषा अकादमियां भाग लेंगी। भारतीय प्रकाशक संघ और भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा आयोजित यह मेला 6 से 10 अगस्त 2025 तक भारत मंडपम में होगा। कला संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि यह मेला दिल्ली को सांस्कृतिक केंद्र के रूप में मजबूत करेगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली पुस्तक मेले में पहली बार दिल्ली सरकार एक एकीकृत और साझा स्टाल स्थापित करेगी जिसमें सभी भाषा अकादमियां एक ही मंच पर अपने स्टाल लगाएंगी।मेले का आयोजन भारतीय प्रकाशक संघ (एफआइपी) और भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
मेला छह से 10 अगस्त 2025 के मध्य भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही स्टेशनरी फेयर और आफिस आटोमेशन एवं कॉर्पोरेट गिफ्ट फेयर का भी आयोजन किया जाएगा जिससे यह आयोजन शिक्षा, व्यापार और रचनात्मकता का एक साझा मंच बनेगा।
दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने आगामी दिल्ली पुस्तक मेला 2025 की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक ली। बैठक में कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के सचिव, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, सिंधी, संस्कृत और मैथिली-भोजपुरी सहित विभिन्न भाषा अकादमियों के सचिवों के साथ-साथ ही भारतीय प्रकाशक संघ और भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
बैठक का उद्देश्य था कि कला संस्कृति विभाग एवं भाषा अकादमियों द्वारा मेले में समन्वित सहभागिता, प्रस्तुति और दिल्ली सरकार के तत्वावधान में कार्यरत अकादमियों की विविधताओं के संग्रह को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाए।
कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली केवल एक प्रिंटिंग हब नहीं है, बल्कि विचारों, भाषाओं और संस्कृति के आदान-प्रदान का केंद्र भी है। यह पुस्तक मेला हमारी सांस्कृतिक चेतना को एक साझा मंच देगा और दिल्ली की पहचान को एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और मजबूत करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देना हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है। यह आयोजन न केवल हमारी विविधता को प्रदर्शित करेगा बल्कि समावेशिता और संवाद की भावना को भी प्रोत्साहित करेगा।
यह मेला भारत के प्रमुख साहित्यिक आयोजनों में से एक है, जो हर साल हजारों पाठकों, लेखकों, छात्रों, विद्वानों, प्रकाशकों और पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित करता है।
मेले के दौरान कविता पाठ, नाट्य प्रस्तुतियां, लेखक-प्रकाशक संवाद, पुस्तक विमोचन, और बाल साहित्य पर विशेष सत्रों जैसे विविध भाषाओं पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
दिल्ली सरकार की यह पहल राजधानी को “प्रतिभा और सांस्कृतिक हब” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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