दिल्ली में स्वच्छता अभियान बना मजाक, द्वारका में लगे कूड़े के ढेर; लोगों का जीना मुश्किल
पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में कूड़े के ढेर से उठती सड़ांध से लोग परेशान हैं। निगम की कार्यप्रणाली से नाराज निवासियों का कहना है कि स्वच्छता अभियान केवल कागजी है। कूड़े के कारण आसपास के पार्कों और आवासीय क्षेत्रों में रहना मुश्किल हो गया है। लोगों का आरोप है कि निगम गृह कर वसूलने में तो तत्पर है लेकिन कूड़ा प्रबंधन पर ध्यान नहीं दे रहा।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। एक तरफ पार्क की शानदार हरियाली तो दूसरी तरफ ठीक इससे सटे हिस्से में कूड़े से निकलने वाली सड़ांध। उपनगरी द्वारका में पिछले कई दिनों से इस तरह की स्थिति लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।
लोगों का कहना है कि क्षेत्र में रहने वाले आम लोग परेशान हैं लेकिन क्या मजाल कि निगम द्वारा किसी ने भी इस स्थिति से निजात दिलाने की ढेले भर की भी कोशिश की हो। उपनगरी के निवासियों में निगम की कार्यप्रणाली को लेकर खूब नाराजगी है।
ज्यादा दिन नहीं बीते सेक्टर 14 स्थित वेगस माल में दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, नजफगढ़ जोन के उपायुक्त सहित तमाम अधिकारी स्वच्छता अभियान से जुड़े एक कार्यक्रम में आए और स्वच्छता को लेकर बड़ी बड़ी बातें कह चलते बने। इस माल से तकरीबन 500 मीटर से भी कम की दूरी पर कूड़े के ढेर से इस कदर सड़ांध निकल रहा है कि यहां खुले में सांस लेना भी दूभर हो चुका है। पास ही पार्क है, पीपल अपार्टमेंट है, बौद्धिक संपदा भवन है, नेशनल ला यूनिवर्सिटी है।
लोगों ने बताया कि यहां कूड़े का ढेर पिछले 10 दिनों से कायम है। आसपास के इलाके से कूड़ा यहां लेकर फेंका जा रहा है। कूड़ा घर भले ही खाली हो, लेकिन आसपास बड़े क्षेत्र में कूड़े का ढेर पड़ा है।
स्थानीय निवासी पूनम का कहना है कि कूड़ा सूखा हो तो केवल धूल एक समस्या होती है, लेकिन यहां गीला कूड़ा लाकर फेंका जा रहा है। यह न सिर्फ स्वच्छता का मजाक है बल्कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। यहां से निलकने वाली बदबू पास की आवासीय सोसाइटी तक जा रही है। हवा का हल्का झोंका भी लोगों को खिड़की बंद करने को विवश कर रहा है।
स्वच्छता अभियान पर लोग खड़े कर रहे प्रश्न
पूरी दिल्ली में इन दिनों दिल्ली नगर निगम की ओर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। एक अगस्त से शुरू किया गया यह अभियान 31 अगस्त तक चलना था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर दो अक्टूबर कर दिया गया। अभियान को बढ़ाने के बारे में अधिकारियों का यह दावा कि इसके नतीजे काफी बेहतर आ रहे हैं, अब हवा हवाई होती नजर आ रही है।
यह भी पढ़ें- UER-2: तूल पकड़ रहा टोल वसूली का ये मामला, अब समर्थन में उतरी AAP; बड़े आंदोलन की चेतावनी
द्वारका के लोगों का कहना है कि जितना ध्यान निगम लोगों से गृह कर वसूलने में लगाता है, उसका आधा ध्यान भी अगर कूड़ प्रबंधन में लगाया जाता तो दिल्ली भारत के सर्वाधिक स्वच्छ शहरों में शामिल हो चुकी होती।
लैंडफिल साइट पर वर्षा के कारण अभी काफी कीचड़ है। साइट पर जो गाड़ियां कूड़े लेकर जाती थी, वह वहां फंस रही थी। लेकिन अब दो दिनों से मौसम सही है जिस कारण यह समस्या दूर हो रही है। आने वाले दिनों में लोगों को सुधार नजर आएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।