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    द्वारका जिला पुलिस की छापेमारी में विकासपुरी में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का सच आया सामने

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 10:26 PM (IST)

    द्वारका पुलिस ने विकासपुरी में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर ठगी करने वाले छह आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस ने लैपटॉप मोबाइल फोन और बैंक डेटा डायरियां बरामद की हैं। आरोपी एपीके फाइल के जरिए जानकारी लेकर पैसे निकालते थे। शिकायतकर्ता से 2.81 लाख रुपये की ठगी हुई थी।

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    द्वारका जिला पुलिस की छापेमारी में विकासपुरी में चल रहे फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़।

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका जिला पुलिस की साइबर सेल ने विकासपुरी में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। पुलिस ने काल सेंटर चलाने वाले तीन आरोपितों सहित ठगी में शामिल छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से पुलिस ने एक लैपटाप और 41 मोबाइल फोन और बैंक ग्राहक डेटा डायरियां बरामद किए हैं। छानबीन में पुलिस को पता चला कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने और पिन जनरेट करने का झांसा देकर आरोपी लोगों से ठगी करते थे।

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    द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि बिंदापुर निवासी वीरेंद्र कुमार ने 21 जून को साइबर सेल में ठगी की शिकायत की, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने एक निजी बैंक का नया क्रेडिट कार्ड बनवाया। जारी किए गए क्रेडिट कार्ड का पिन जनरेट करने के लिए एक काल आया। आरोपितों ने एक एपीके फाइल भेजकर सारी जानकारी हासिल करने के बाद उनके कार्ड से 2.81 लाख रुपये निकाल लिए।

    साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की। विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्राप्त जानकारी से पता चला कि ठगी की गई राशि फ्लिपकार्ट को हस्तांतरित की गई थी और उस राशि से फ्लिपकार्ट पर एक फर्जी खाते का इस्तेमाल कर छह मोबाइल फोन खरीदे गए थे। तकनीकी निगरानी करने के बाद पता चला कि शिकायतकर्ता को विकासपुरी से काल किया गया था।

    जांच करने पर पता चला कि उन्हें वहां चल रहे एक फर्जी काल सेंटर से फोन किया गया था। पुलिस ने वहां छापा मारकर काल सेंटर चलाने वाले विजय शर्मा और उसके पार्टनर और मैनेजर मूलचंद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि अमित नाम का युवक फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाता संचालित करता है। अमित के हैदराबाद में मौजूदगी का पता चला।

    पुलिस की एक टीम ने हैदराबाद में छापा मारकर उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा पुलिस ने फर्जीवाड़ा में शामिल विजय के ड्राइवर विकासपुरी निवासी गौरव और उत्तम नगर निवासी हेमंत को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही गरीब लोगों के नाम पर सिम खरीदकर अमित को मुहैया करने वाले प्रदीप साहू को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया।

    युवतियां शिकार को झांसे में लेने के बाद काल कर देती थी ट्रांसफर

    जांच में पता चला कि सरगना विजय शर्मा चार युवतियों की मदद से काल सेंटर चलाता था। युवतियां पीड़ितों को काल करती थी और फिर विजय शर्मा को काल ट्रांसफर कर देती थी। विजय शर्मा पीड़ितों को एपीके फाइल भेजकर उसके बैंक खातों और कार्ड की जानकारी हासिल कर पैसे फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेता था। विजय शर्मा उत्तम नगर में रहता था। वह बीकाम, एलएलबी, जीएनआइआइटी (साफ्टवेयर) और आइआइएचटी (हार्डवेयर) की पढ़ाई कर चुका है। वहीं अमित पानीपत हरियाणा, मूलचंद मिश्रा अलीगढ़ यूपी, प्रदीप पानीपत हरियाणा, गौरव किराड़ी, और हेमंत उत्तम नगर का रहने वाला है।

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