Move to Jagran APP

Kisan Andolan Discrimination: टीकरी बॉर्डर पर जुटे किसान आंदोलनकारियों में जारी है भेदभाव, किसी को राहत तो कोई मुसीबत में

Kisan Andolan Discrimination टीकरी बॉर्डर पर कोई तो बांस-बल्ली से बनाए तंबुओं में ठहरा है तो बहुत से आंदोलनकारी ऐसे भी हैं जो पंजाब से कमरानुमा ट्रॉली लेकर आए हैं। उसमें एसी भी फिट किया गया है। यह एक तरह से छोटे और बडे़ आंदोलनकारियों का ही फर्क दिखाता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 10:38 AM (IST)
Kisan Andolan Discrimination: टीकरी बॉर्डर पर जुटे किसान आंदोलनकारियों में जारी है भेदभाव, किसी को राहत तो कोई मुसीबत में
साढ़े चार महीने बाद किसान आंदोलन में अब वह रंगत और नूर नहीं, जो शुरुआत में थी।

नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के चारों बॉर्डर (टीकरी, शाहजहांपर, सिंघु और गाजीपुर) पर चल रहा किसानों का आंदोलन अब अंतिम सांसें गिन रहा है। लाखों की भीड़ पहले हजारों हुई और अब तो सभी बॉर्डर पर किसानों की संख्या सैकड़ों में आ गई है। कभी कोई बड़ा किसान धरना-प्रदर्शन स्थल पर आया तो भीड़ बढ़ती है, वरना दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर तो किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या कभी-कभार 200 से नीचे भी आ जाती है। इस बीच तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर चल रहे आंदोलन को अब साढ़े चार माह पूरे होने को हैं, लेकिन आंदोलन में अब वह रंगत और नूर नहीं, जो शुरुआत में थी।

loksabha election banner

वहीं, मौसम में बदलाव यानी गर्मी की शुरुआत के साथ ही एक तरफ किसान आंदोलन का स्वरूप बदल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ इसमें छोटे और बड़े आंदोलनकारियों का फर्क भी साफ देखा जा सकता है। टीकरी बॉर्डर पर कोई तो बांस-बल्ली से बनाए तंबुओं में ठहरा है तो बहुत से आंदोलनकारी ऐसे भी हैं, जो पंजाब से कमरानुमा ट्रॉली लेकर आ रहे हैं। उसमें एसी भी फिट किया गया है। यह एक तरह से छोटे और बडे़ आंदोलनकारियों का ही फर्क दिखाता है। आंदोलन स्थल पर कहीं से भी बिजली का तार जोड़ने के बाद यह ट्राली लग्जरी कमरा ही बन जाती है। फिलहाल तापमान बढ़ने के चलते ट्रालियों के एसी दिन ही नहीं, रात में भी चल रहे हैं। आंदोलन में इस तरह की एसी वाली ट्रॉली जगह-जगह देखी जा सकती है। इनमें से अधिकतर ट्रॉलियां पंजाब से आए आंदोलनकारियों की हैं।


ये भी पढ़ेंः 
दिल्ली के हजारों लोगों को जल्द खुशखबरी देने के लिए सीएम केजरीवाल ने की मीटिंग, अधिकारियों के दिए ये निर्देश

बताया जा रहा है कि ऐसी ट्रालियों को विशेष रूप से तैयार करने के लिए कई-कई लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सिर्फ बाहर से ही नहीं, अंदर से भी इन ट्रालियों को किसी सुसज्जित कमरे का रूप दिया गया है। 24 घंटे तक केएमपी जाम करने की तैयारी संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 10 अप्रैल को बहादुरगढ़ के क्षेत्र से गुजरने वाले केएमपी एक्सप्रेस-वे को 24 घंटे के लिए जाम करने का एलान किया गया है। इस दिन आंदोलनकारियों की ओर से इसी मार्ग पर सभा की जाएगी। उसके बाद 13 अप्रैल को वैसाखी और 14 अप्रैल को डा. भीमराव आंबेडकर का जन्मदिवस मनाया जाएगा।

Indian Railway News: नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस 9 अप्रैल से निरस्त रहेगी

बता दें कि गर्मी की शुरुआत होते ही टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए पंखे और कूलर भी लगाए गए हैं। साढ़े चार महीने से जारी प्रदर्शन में किसान रोज धरने पर आकर बैठते हैं और भोजन कर वापस लौट जाते हैं। यहां पर आधे से ज्यादा वक्ता तो ऐसे होते हैं जिनको धरने पर बैठे लोग जानते भी नहीं हैं। 

ये भी पढ़ेंः Night Curfew in Ghaziabad: गाजियाबाद में आज रात से नाइट कर्फ्यू, जानें- किसे मिलेगी छूट व किन पर रहेगी पाबंदी

New Traffic Challan In Delhi: हरियाणा-यूपी समेत देशभर के वाहन चालक हो जाएं सावधान, इन गलतियों पर भरना होगा हजारों का चालान

ये भी पढ़ेंः हमारी लड़ाई कोरोना से है, केंद्र सरकार से नहीं, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिएः सत्येंद्र जैन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.