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    पीएम मोदी के नाम पर 2700 करोड़ की ठगी करने वाला पांचवीं पास गिरफ्तार, देश भर में 150 अधिक केस दर्ज

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 06:14 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने धोलेरा में निवेश के नाम पर 2700 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी जुगल किशोर को गिरफ्तार किया गया है जिसने निवेशकों को उच्च रिटर्न का लालच दिया था। कंपनी ने ऐप के माध्यम से निवेश का ब्योरा दिखाया और प्रधानमंत्री के नाम का इस्तेमाल किया। जांच में पता चला कि पीड़ितों में ज्यादातर सरकारी कर्मचारी हैं और आरोपी पुजारी है।

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    पीएम मोदी के नाम का सहारा लेकर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाला गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सहारा लेकर जनता को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जालसाज को गिरफ्तार किया है।

    आरोपी की पहचान जुगल किशोर शर्मा के रूप में हुई है। आरोपी ने गुजरात के धोलेरा क्षेत्र में निवेश पर अधिक मुनाफा दिलाने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठे।

    ठगी का जाल इतना बड़ा था कि पूरे देशभर से लगभग 150 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक मामले राजस्थान से सामने आए हैं। अनुमान है कि कुल घोटाले की रकम लगभग 2,700 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।

    गिरोह में शामिल दो आरोपियों सुभाष बिजारानिया और ओपेंद्र बिजारानिया को बीते वर्ष दिसंबर में ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

    ईओडब्ल्यू की उपायुक्त अमृता गुगुलोथ के मुताबिक, करावल नगर की नेहा कुमारी और 97 अन्य शिकायतकर्ताओं द्वारा मेसर्स नेक्सा एवरग्रीन प्राइवेट लिमिटेड और उसके पदाधिकारियों के विरुद्ध एक संयुक्त शिकायत दर्ज कराई गई थी।

    आरोप है कि आरोपी जुगल किशोर और विनोद कुमार ने स्वयं को कंपनी का निदेशक बताया और निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनके निवेश पर उन्हें सुनिश्चित साप्ताहिक रिटर्न मिलेगा और गुजरात, अहमदाबाद के धोलेरा में प्लाट आवंटित किए जाएंगे।

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    साथ ही यह भी कहा गया कि निवेश पर तीन प्रतिशत ब्याज दर से साप्ताहिक रिटर्न हर मंगलवार को मिलेगा। भरोसा बढ़ाने के लिए लोगों को मोबाइल फोन, लैपटाॅप और राॅयल एनफील्ड मोटरसाइकिल जैसे इनाम भी दिए गए।

    इतना ही नहीं, कंपनी ने गूगल प्ले पर एक ऐप्लिकेशन भी लाॅन्च किया, जिसमें निवेशकों को विशिष्ट आईडी देकर उनके निवेश और रिटर्न का ब्योरा दिखाया जाता था। यह भी आरोप है कि आरोपियों ने प्रधानमंत्री के वीडियो दिखाकर झूठा दावा किया कि वे धोलेरा परियोजना के ब्रांड एंबेसडर हैं।

    कारोबार बंद करने से पहले कंपनी ने ऐप को अचानक बंद कर दिया और सभी अधिकारी फरार हो गए। इसी तर्ज पर सीकर (राजस्थान) और ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में भी प्राथमिकी दर्ज की गईं। शिकायतों के बाद ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया गया।

    जांच में पता चला कि नेक्सा एवरग्रीन ग्रुप के आरोपियों द्वारा शुरू की गई योजनाओं के माध्यम से निश्चित उच्च रिटर्न देने के बहाने आम जनता से धन प्राप्त किया गया था। यह गिरोह अहमदाबाद में अपने मुख्यालय के साथ पूरे देश में सक्रिय था।

    भारतीय सेना के पूर्व सैनिक आरोपी सुभाष बिजारणिया और रणवीर सिंह बिजारणिया मेसर्स नेक्सा एवरग्रीन प्राइवेट लिमिटेड और समूह की अन्य संस्थाओं के निदेशक थे।

    उन्होंने धोलेरा में "नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट" नामक अपनी टाउनशिप परियोजना में निवेश करने के लिए जनता को लुभाने के लिए योजना शुरू की थी।

    अधिकांश पीड़ित सरकारी कर्मचारी निकले

    ईओडब्ल्यू की जांच से पता चला कि नेक्सा एवरग्रीन ग्रुप अहमदाबाद में मुख्यालय से पूरे देश में सक्रिय था। समूह ने धोलेरा क्षेत्र में लगभग 1,200 बीघा जमीन खरीदी थी, जिसमें से अब तक 168 एकड़ की पहचान की जा चुकी है।

    निवेशकों से जुटाई गई रकम मुख्यतः नेक्सा एवरग्रीन डेवलपर्स धोलेरा और 9 ओक डेवलपर्स धोलेरा के खातों में जमा कराई गई। अधिकांश पीड़ित सरकारी कर्मचारी थे।

    गिरफ्तार आरोपी जुगल किशोर इन फर्मों का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था और शाहदरा (दिल्ली) स्थित शाखा कार्यालय का संचालन करता था।

    पेशे से पुजारी है आरोपी

    गिरफ्तार आरोपी जुगल किशोर शर्मा मूलतः शाहदरा का रहने वाला है। वह पेशे से पुजारी है और प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करता था।

    मात्र पांचवीं तक पढ़ा हुआ जुगल किशोर, मुख्य आरोपी रणवीर बिजारणिया के संपर्क में आया और उसके लिए काम करने लगा। उसने शाहदरा के विश्वास नगर में कार्यालय खोलकर ठगी के पैसों का लेन-देन संभाला।

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