Delhi Election: दिल्ली चुनाव में इस बार बढ़ेगी मतदान केंद्रों की संख्या, मतदाता सूची में भी हो रहा सुधार
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 राजधानी दिल्ली में अगले दो-तीन महीने में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में मतदाता सूची में विशेष सारांश संशोधन अभियान के तहत 123 जगहों पर नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इस बार 53 पुराने मतदान केंद्र खत्म कर दिए गए। अगर किसी वोटर्स को अपने Voter ID Card में सुधार कराना है तो वह करा सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन अभियान के दौरान दिल्ली में मतदाता सूची में सुधार और नए मतदाताओं को शामिल करने के लिए कुल सवा दो लाख आवेदन मिले।
जिसमें मतदाता सूची में नाम पता में सुधार कराने से लेकर नए मतदाताओं के नाम शामिल करने तक के आवेदन शामिल हैं। इस विशेष अभियान की अवधि 28 नवंबर को खत्म हो गई लेकिन लोग मतदाता सूची में नाम शामिल करने व सुधार के लिए अब भी आवेदन दे सकते हैं।
इस चुनाव में 70 मतदान केंद्र होंगे ज्यादा
खास बात यह कि मतदाता सूची में सुधार के विशेष सारांश संशोधन अभियान में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसलिए इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 70 मतदान केंद्र अधिक होंगे।
भवन खराब वाले मतदान केंद्रों को किया गया बंद
दिल्ली में 2629 मतदान केंद्र थे। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अनुसार संशोधन अभियान के दौरान 123 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वहीं 53 पुराने मतदान केंद्र खत्म कर दिए गए हैं। क्योंकि उन मतदान केंद्र के भवन की हालत खराब है।
दो-तीन महीने बाद होने हैं विधानसभा के चुनाव
इन मतदान केंद्रों को खत्म करने के बाद 70 मतदान केंद्र बढ़ गए हैं। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या एक समान करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि अगले दो-तीन माह में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं।
वहीं पर दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में चुनाव से कुछ महीने पहले राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने खर्च को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय लघु बचत कोष यानी एनएसएसएफ से 10,000 करोड़ रुपये उधार देने के लिए कहा है। हालांकि इस पर भी दिल्ली सरकार और उसके वित्त विभाग में दो मत है। एक तरफ जहां सीएम आतिशी ने हस्ताक्षर कर दिए हैं तो वहीं पर दूसरी ओर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है।
सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक बीते दो सितंबर के एक नोट में दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) आशीष चंद्र वर्मा ने इस वित्तीय वर्ष में एनएसएसएफ से ऋण लेने के विकल्प पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ब्याज में अत्यधिक वृद्धि और आदर्श आचार संहिता के कारण व्यय में कमी की संभावना है।
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