Delhi Election: BJP ने कस्तूरबा नगर सीट पर हैट्रिक लगाया और फिर 21 साल का 'सूखा', अब तीनों पार्टियों में कांटे की टक्कर
कस्तूरबा नगर विधानसभा सीट पर भाजपा कांग्रेस और आप के बीच कड़ा मुकाबला। भाजपा ने नीरज बसौया कांग्रेस ने अभिषेक दत्त और आप ने रमेश पहलवान को उतारा है। पिछले 21 साल से भाजपा और कांग्रेस 16 साल से वापसी की राह देख रही है। आप लगातार चौथी बार जीतने के लिए जद्दोजहद में है। आगे विस्तार से जानिए इस सीट इतिहास।

शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की कस्तूरबा नगर विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर भाजपा नीरज बसौया, कांग्रेस के अभिषेक दत्त और आप के रमेश पहलवान के बीच चुनावी घमासान है।
यहां पर शुरुआत के तीन चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने वाली भाजपा को पिछले 21 और एक बार जीतने वाली कांग्रेस 16 साल से अपनी वापसी का इंतजार है। दूसरी तरफ आप लगातार चौथी बार जीतने के लिए जद्दोजहद में जुटी है।
इस सीट पर सिर्फ इन उम्मीदवारों ने ही नामांकन किया है। इस वजह से भी त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कौन-सा प्रत्याशी अपनी पार्टी की चुनावी नैया पार लगाता है।
तीसरे स्थान पर रहे थे कांग्रेस के अभिषेक दत्त
कस्तूरबा नगर सीट पर साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भी महज चार प्रत्याशियों के बीच मुकाबला था। इसमें भाजपा और आप के बीच ही कड़ा मुकाबला रहा था। तब आप के मदन लाल ने भाजपा प्रत्याशी रविंदर चौधरी को 3,165 मतों के अंतर से हरा दिया, जबकि कांग्रेस के अभिषेक दत्त तीसरे स्थान पर रहे थे।
बताया गया कि मदनलाल को 37100, रविंदर चौधरी को 33935 और अभिषेक दत्त को 19648 वोट मिले थे। उस समय सीट पर तब कुल 153485 मतदाता थे।
आप ने तीन बार के जीते विधायक का टिकट काटा
तीनों पार्टियों ने सीट पर कब्जा करने के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई है। भाजपा और आप ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला है। भाजपा ने नीरज बसौया और आप ने भी लगातार तीन बार जीतने वाले मदनलाल की जगह रमेश पहलवान पर भरोसा जताया है। यहां से नीरज 2008 में कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस ने अभिषेक दत्त पर दोबारा भरोसा जताया है।
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1993 से 2003 तक भाजपा का था कब्जा
कस्तूरबा नगर सीट पर सबसे पहले 1993 में हुए पहले चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1998 और 2003 में लगातार जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक बनाई। 2008 में कांग्रेस ने भाजपा की जीत का सिलसिला रोक दिया। यहां पर 2013 से आप का कब्जा है। इस सीट पर सबसे ज्यादा तीन बार प्रत्याशी मदनलाल ने जीत दर्ज की है। जबकि नीरज बसौया और अभिषेक दत्त दो बार हार चुके हैं।
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चुनाव वर्ष - प्रत्याशी - पार्टी
1993 जगदीश लाल बत्ररा भाजपा
1998 सुशील चौधरी भाजपा
2003 सुशील चौधरी भाजपा
2008 नीरज बसौया कांग्रेस
2013 मदनलाल आप
2015 मदनलाल आप
2020 मदनलाल आप
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