Delhi: दिल्ली दंगा मामले में अदालत ने आरोपित रोहित को किया बरी, गौरकानूनी सभा का हिस्सा होने का लगा था आरोप
कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा से संबंधित दो मामलों में आरोपित रोहित को यह कहते हुए बरी कर दिया कि दंगाई भीड़ में उसकी उपस्थिति एक उचित संदेह से परे साबित नहीं हुई थी। रोहित पर दंगा फैलाने तोड़फोड़ और गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा से संबंधित दो मामलों में आरोपित रोहित को यह कहते हुए बरी कर दिया कि दंगाई भीड़ में उसकी उपस्थिति एक उचित संदेह से परे साबित नहीं हुई थी।रोहित पर दंगा फैलाने, तोड़फोड़ और चोरी करने वाली गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा रोहित के खिलाफ मामला साबित नहीं होता और उसे बरी किया जाता है।
गोकलपुरी पुलिस थाने में मामला है दर्ज
अदालत ने देखा कि आम चश्मदीदों ने मामलों में रोहित की पहचान नहीं की और अभियोजन पक्ष ने दो हवलदारों की गवाही पर भरोसा किया। लेकिन आरोपित की पहचान करने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों ने औपचारिक रूप से जानकारी दर्ज नहीं की। रोहित के खिलाफ गोकलपुरी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।
नर्सिंग होम में आग लगाने के मामले में आरोपित आरोपमुक्त
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा के दौरान नर्सिंग होम में आग लगाने के आरोपित को कड़कड़डूमा कोर्ट ने यह कहते हुए बरी कर दिया कि आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 436 का कोई स्पष्ट अपराध नहीं बनता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि दंगाइयों द्वारा नर्सिंग होम को जलाने की कोई तस्वीर नहीं है। शिकायतकर्ता और उसके दो कर्मचारियों ने दंगे के दौरान दंगाईयों द्वारा नर्सिंग होम को जलाने को लेकर सामान्य भाषा का उपयोग किया था। शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर भजनपुरा थाना पुलिस ने अब्दुल सत्तार, मोहम्मद खालिद, हुनैन, तनवीर अली और आरिफ के खिलाफ प्राथमिकी की थी। बता दें कि दिल्ली दंगों के मामलों को लेकर अदलात में कई मामले दर्ज है।