Delhi News: नक्सली युवती NCR में बदलती रही ठिकाने, पकड़े जाने पर सामने आए खौफनाक इरादे
झारखंड पुलिस से तीन मुठभेड़ों में शामिल 23 साल की नक्सली युवती को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। युवती चार साल पहले दिल्ली आ गई थी और एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर छिपती रही। वह फ्लैटों में घरेलू सफाई कर्मी के रूप में काम करती थी। क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान युवती के बारे में पता चला और उसे पीतमपुरा से गिरफ्तार कर लिया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। झारखंड पुलिस के साथ हुई तीन मुठभेड़ में शामिल रही 23 साल की नक्सली युवती को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। युवती झारखंड के जंगलों में सेना का दबाव बढ़ने पर चार साल पहले दिल्ली आ गई थी। वह यहां नाम बदलकर एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर छिपती रही और फ्लैटों में घरेलू सफाई कर्मी के रूप में काम करती रही।
नक्सली युवती को पीतमपुरा से किया गिरफ्तार
वहीं, एक केस की तफ्तीश के दौरान क्राइम ब्रांच को युवती के बारे में पता चला और दो माह तक जांच व झारखंड पुलिस से सूचना मिलने के बाद उसे पीतमपुरा के महाराणा प्रताप एन्क्लेव से गिरफ्तार कर लिया गया। युवती यहां अकेली रह रही थी। झारखंड के सोनुआ थाने के एक मामले में वह वांछित थी।
पुलिस को युवती के बारे में मिली थी जानकारी
डीसीपी क्राइम ब्रांच विक्रम सिंह के मुताबिक, रेणुका- पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुदाबुरू गांव की रहने वाली है। कुछ महीनों से क्राइम ब्रांच की टीम एनसीआर में रहने वाले माओवादी चरमपंथियों से संबंधित एक सूचना पर काम कर रही थी। इसी बीच पुलिस को इस युवती के बारे में जानकारी मिली।
पहचान छिपाकर रहती थी युवती
पुलिस के अनुसार, वह पहचान छिपाकर गलत नाम से महाराणा प्रताप एन्क्लेव में रह रही थी। युवती एक किसान परिवार से है और उसने दूसरी कक्षा तक पढ़ाई की है। जब वह छोटी थी, तब उसके गांव के एक माओवादी ने उसके घर आकर उसे अपने साथ ले जाने की पेशकश की थी।
10 साल की उम्र से नक्सल गतिविधियों में शामिल
युवती 2016 में सीपीआइ माओवादी चरमपंथी समूह में शामिल हो गई थी। समूह के शिविर में 300-450 लोग रहते थे, जिनमें 40-50 महिलाएं थीं और उसकी उम्र के चार-पांच बच्चे भी शामिल थे। नक्सल गतिविधियों में उसकी भागीदारी 10 वर्ष की उम्र से शुरू हो गई थी।
वह कुख्यात नक्सली शिविर भाकपा माओवादी उग्रवादी जीवन कंडुलना में शामिल हो गई। वहां उसे पांच साल में प्रशिक्षित नक्सली के रूप में तैयार किया गया। इस दौरान उसने एसएलआर, इंसास, एलएमजी, हैंड ग्रेनेड और 303 राइफल सहित अन्य हथियार चलाने सीखे।
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2018 में उसने झारखंड पुलिस से हुई मुठभेड़ में भाग लिया, उसके बाद 2019 में और 2020 में अपने कंपनी कमांडर जीवन कंडुला के साथ मुठभेड़ में भाग लिया। अपने गुट कमांडर के निर्देश पर 2020 में दिल्ली आकर उसने असली पहचान छुपाकर नोएडा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घरेलू सफाई कर्मी के रूप में काम करना शुरू कर दिया। बाद में वह पीतमपुरा में रहने लगी। सोनुआ थाने में इसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। 26 मार्च 2023 को चाईबासा, झारखंड की अदालत ने इसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
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