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जानिए नए CBI के निदेशक के बारे में, SC तक पहुंचा था मामला

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के निदेशक के पद पर दावेदारी को लेकर एक लंबी फेहरिस्‍त थी । इस पद की दौड़ में 1979 से 1982 बैच के 49 आइपीएस अधिकारी दौड़ में थे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 12:47 PM (IST)
जानिए नए CBI के निदेशक के बारे में, SC तक पहुंचा था मामला
जानिए नए CBI के निदेशक के बारे में, SC तक पहुंचा था मामला

नई दिल्ली [ जेएनएन ]। दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक वर्मा नए सीबीआइ निदेशक होंगे। सोमवार को हुई चयन समिति की बैठक में आलोक वर्मा को सीबीआइ की नई जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया। वैसे इस पद की दौड़ में 1979 से 1982 बैच के 49 आइपीएस अधिकारी दौड़ में थे। लेकिन अंतत बाजी आलोक वर्मा के हाथ में रही।

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गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने 18 दिसंबर को ही आलोक वर्मा के अगले सीबीआइ निदेशक पद की दौड़ में सबसे आगे रहने की खबर दी थी। आलोक वर्मा अगले दो साल तक देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के प्रमुख रहेंगे। तीन दिसंबर को अनिल सिन्हा के सेवानिवृत होने के बाद से सीबीआइ निदेशक का पद खाली था। अनिल सिन्हा की सेवा निवृति के दो दिन पहले ही सीबीआइ के विशेष निदेशक आरके दत्त का स्थानांतरण गृह मंत्रालय में कर दिया गया था। इसके बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारी होने के कारण सहायक निदेशक राकेश अस्थाना को सीबीआइ निदेशक का प्रभार सौंप दिया गया था।

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लेकिन आरके दत्त के स्थानांतरण और राकेश अस्थाना को प्रभार दिये जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका तक दाखिल कर दी गई थी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नए नियुक्ति की तैयारियों पर जवाब-तलब भी किया था। मंगलवार को ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की चयन समिति ने नए निदेशक का चुनाव कर लिया है और इसे शुक्रवार तक सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

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आलोक वर्मा की सीबीआइ में यह पहली नियुक्ति है। इसके पहले उन्होंने कभी सीबीआइ में काम नहीं किया था। लेकिन दिल्ली पुलिस के विजलेंस विभाग के अनुभव को देखते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी का प्रमुख बनाया गया है। वर्मा अगले दो सालों तक सीबीआइ के निदेशक रहेंगे।

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