दिल्ली गैंगवार में बड़ी साजिश नाकाम, सनी साईं गैंग के दो बदमाश गिरफ्तार, दो गिरोहों के खिलाफ रच रहे थे साजिश
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गैंगवार की साजिश को नाकाम करते हुए सनी साईं गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार ये बदमाश विरोधी गिरोहों के सदस्यों की हत्या की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार किए गए बदमाशों में सुखप्रीत उर्फ माफिया और शमशाद अली उर्फ पहलवान शामिल हैं जो पहले भी आपराधिक मामलों में रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गैंगवार में विरोधी गिरोह सलाम त्यागी गिरोह और सद्दाम गौरी गिरोह के बदमाशों की हत्या की साजिश रच रहे सनी साईं गिरोह के दो बदमाश को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक पिस्टल, एक कट्टा व 10 कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस का दवा है कि इनकी गिरफ्तारी से गैंगवार में हत्या का मामला टाल दिया गया।
खुफिया जानकारी जुटा रही
डीसीपी हर्ष इंदौरा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम सुखप्रीत उर्फ माफिया (विकास विहार, चंदर विहार) और शमशाद अली उर्फ पहलवान (ख्याला गांव) है। राजधानी में संगठित अपराध से जुड़े गिरोहों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत पुलिस टीम ने हथियारों के बल पर लूटपाट, जबरन वसूली और गोलीबारी जैसे अपराधों में शामिल सक्रिय अपराधियों और गिरोह के सदस्यों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र कर रही है।
दोनों दो माह पहले जेल से छूटे
एसीपी भगवती प्रसाद व इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में जांच कर रही पुलिस टीम ने 19 सितंबर की देर रात रघुबीर नगर इलाके से सनी साईं गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। शमशाद अली के पास से एक पिस्टल और आठ कारतूस और सुखप्रीत के पास से कट्टा व दो कारतूस बरामद किए गए। दोनों आदतन अपराधी हैं। इनपर हत्या, लूटपाट, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के पहले के सात से अधिक मामले दर्ज हैं। दोनों दो माह पहले जेल से रिहा हुए थे।
जबरन वसूली जैसे जघन्य अपराधों में शामिल
सनी साईं गिरोह का हत्या, लूटपाट, डकैती और सट्टा संचालकों से जबरन वसूली जैसे जघन्य अपराधों में शामिल होने का इतिहास रहा है। इस गिरोह की कुख्यात गैंग्स्टर सलाम त्यागी और सद्दाम गौरी गिरोह के साथ प्रतिद्वंद्विता है। गिरोह का सरगना, सनी साईं वर्तमान में उत्तर प्रदेश की मेरठ जेल में बंद है।
सुखप्रीत काे पीवीआर विकासपुरी में एक व्यापारी पर हमला करने के मामले में गिरफ्तार कर जिल भेज दिया गया था। वह करीब दो महीने तक तिहाड़ जेल में बंद रहा। जेल से रिहा होने के बाद वह साईं सनी के संपर्क में आ गया। 2020 में चंदर विहार के शुक्र बाजार रोड पर सट्टे का धंधा चलाने वाले शैंकी नाम के एक व्यक्ति से उसकी बहस हो गई।
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हथियार गिरोह के सदस्यों को सौंप दिए
इलाके में अपना दबदबा बनाने और नाम कमाने के लिए उसने अपने साथियों सनी साईं, तरुण, बंटी काना, सौरभ, तरुण, संजू, सोनू और गौतम के साथ मिलकर शैंकी को गोली मार दी। इस पर सभी के खिलाफ निहाल विहार थाने में मामला दर्ज किया गया।
शमशाद अली के कहने और अपनी धाक जमाने के लिए वह साईं सनी गिरोह में शामिल हो गया। सुखप्रीत पहले शैंकी गोरी गिरोह के लिए काम करता था और उस गिरोह से उसे खतरा था, इसलिए उसने शमशाद के साथ मिलकर उसके संपर्क से तीन कट्टा और कारतूस हासिल किए।
उसने एक कट्टा और कारतूस अपने निजी इस्तेमाल के लिए रखा और शमशाद के निर्देश पर बाकी हथियार गिरोह के सदस्यों को सौंप दिए।
38 सोने के बिस्कुट लूटे
शमशाद अली पहले बहादुरगढ़ में शराब व्यापारियों के साथ काम करना शुरू कर दिया। 2015 में, उसे दिल्ली के इंद्रपुरी थाने में आबकारी अधिनियम के मामले में गिरफ्तार किया गया। उस मामले में वह 15 दिनों तक जेल में रहा। 2023 में मियांवाली नगर में उसने अपने साथियों करण, नवनीत अरोड़ा, धीरज, सोनू पंजाबन और अंकित उर्फ आरडीएक्स के साथ मिलकर एक स्कूटर सवार से 38 सोने के बिस्कुट लूटे।
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