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    दिवाली के बाद उड़ान भरने को तैयार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, विदेशी एयरलाइंस से बातचीत तेज

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:31 PM (IST)

    नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जेवर में एक ग्रीनफील्ड विमानन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू के अनुसार हवाई अड्डे का उद्घाटन 30 अक्टूबर को होगा और अगले 45 दिनों के भीतर 10 मार्गों पर उड़ानें शुरू हो जाएंगी। यह हवाई अड्डा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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    नोएडा एयरपोर्ट दिवाली के बाद संचालन शुरू करने को तैयार; विदेशी एयरलाइंस से तेजी से हो रही बातचीत

    डिजिटल डेस्क, नोएडा। गौतमबुद्धनगर के जेवर में तैयार हो रहा नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एनआईए) एक ग्रीनफील्ड विमानन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। दिवाली के बाद से इस एयरपोर्ट से उड़ान संचालन की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और विदेशी एयरलाइंस कंपनियों से बातचीत भी तेज हो गई है। इस वर्ष के अंत तक कॉमर्शियल उड़ानों के संचालन की उम्मीद है।

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    10 रूटों पर उड़ानें

    केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने हाल ही में बताया कि एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर को होगा और उसके अगले 45 दिनों में 10 रूटों पर उड़ानें शुरू हो जाएंगी। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात की पुष्टि की है कि एयरपोर्ट का वाणिज्यिक संचालन 2025 के अंत तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2050 से पहले यह भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना वर्ष 2019 में शुरू हुई थी और अब सितंबर 2024 में इसके संचालन की योजना बन चुकी है।

    टर्मिनल और रनवे पूरी तरह विकसित

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह एयरपोर्ट चार चरणों में विकसित किया जा रहा है। पहले चरण के अंतर्गत एक रनवे और एक यात्री टर्मिनल का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसकी वार्षिक क्षमता 12 मिलियन यात्रियों की है। टर्मिनल में तकनीकी इंस्टॉलेशन और फिनिशिंग का काम चल रहा है, जबकि ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ORAT) कार्यक्रम प्रगति पर है।

    एटीसी और नेविगेशन सिस्टम जांचे गए

    एनआईए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने पीटीआई को बताया कि पहले चरण का निर्माण कार्य सुचारु रूप से आगे बढ़ रहा है और हवाई अड्डा समय पर कमीशनिंग के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 में सत्यापन उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की गई, जिसमें नेविगेशनल और एटीसी प्रणालियों की कार्यक्षमता की पुष्टि की गई।

    डीजीसीए से एयरोड्रोम लाइसेंस का इंतजार

    अब अगला अहम चरण है नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा एयरोड्रोम लाइसेंस जारी किया जाना। नियामकीय मंजूरी मिलते ही एयरलाइंस और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय में उड़ानों की शुरुआत हो जाएगी।

    कम दृश्यता में भी हो सकेगा संचालन

    विशेष रूप से, हवाई अड्डे का रनवे CAT-III अनुकूल होगा, जिससे यह घने कोहरे जैसी कम दृश्यता वाली स्थितियों में भी उड़ान संचालन में सक्षम रहेगा — जो उत्तरी भारत की जलवायु स्थितियों के अनुसार अत्यंत आवश्यक है।

    इंडिगो और अकासा से होगी शुरुआत

    एनआईए से उड़ानों की शुरुआत इंडिगो एयरलाइंस से होगी, जबकि अकासा एयर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों का संचालन करेगी। मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया की एयरलाइंस ने भी एनआईए से संचालन में रुचि दिखाई है। रूट और स्लॉट आवंटन को लेकर चर्चा जारी है और जल्द ही और घोषणाएं की जाएंगी।

    कार्गो और MRO इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार

    एयरपोर्ट अपने कार्गो सिस्टम और MRO (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे रहा है। एयर इंडिया SATS के साथ साझेदारी में कार्गो टर्मिनल का निर्माण अंतिम चरण में है, जो जल्द ही ORAT कार्यक्रम शुरू करेगा। यह टर्मिनल उत्तर भारत के औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्रों को सेवा प्रदान करेगा।

    हजारों लोगों को मिला रोजगार

    इस परियोजना से रोजगार के अवसरों में भारी इजाफा हुआ है। वर्तमान में लगभग 9,000 कर्मचारी साइट पर कार्यरत हैं, और आगे के चरणों में निर्माण प्रगति के साथ हजारों नई नौकरियों की संभावना है। पूर्ण रूप से विकसित होने पर यह एयरपोर्ट प्रति वर्ष 70 मिलियन यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।

    पीपीपी मॉडल पर बन रहा एयरपोर्ट

    एनआईए को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे के निकट स्थित यह एयरपोर्ट दिल्ली के IGI एयरपोर्ट के बाद NCR की दूसरी अंतरराष्ट्रीय सुविधा बनेगा। दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थित यह हवाई अड्डा दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए एक प्रमुख हवाई संपर्क और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरेगा।

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    (एजेंसी के इनपुट के साथ)