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    Rajon Ki Baoli: दिल्ली की एक बावली, जिसमें नहाने से दूर हो जाता है चर्म रोग; अब ASI ने लिया बड़ा फैसला

    Rajon Ki Baoli एएसआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि बरसात का मौसम होने के कारण इस समय अधिकतर बावलियों में पानी है मगर तुगलकाबाद स्थित दो बावलियाें में पानी नहीं है। अब इनका संरक्षण कार्य किया जाएगा।

    By V K ShuklaEdited By: JP YadavUpdated: Mon, 10 Oct 2022 08:00 AM (IST)
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    राजों की बावली का संरक्षण कार्य करेगा एएसआइ। फाइल फोटो

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Rajon Ki Baoli: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने बावलियों की सुध ली है। दक्षिणी दिल्ली की दो बावलियों में सालों बाद संरक्षण कार्य कराया गया है, अन्य में भी संरक्षण कार्य कराने की योजना है। अभी राजों की बावली और गंधक की बावली की दशा सुधारी गई है। राजों की बावली में आ रहे नाले के उस पानी काे भी रोक दिया गया है जो वर्षों से इस बावली में भर रहा था।

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    तुगलकाबाद की दो बाविलयों में पानी नहीं

    एएसआइ ने प्रयास कर नगर निगम से इस नाले की भी मरम्मत करवाई है। दिल्ली में 12 बावली हैं, इन सभी की दशा सुधारने के लिए काम शुरू होगा। इन बावली का क्षेत्रीय स्तर पर सर्वे कराया गया है और बात की जानकारी जुटाई गई है कि वहां क्या क्या काम कराए जाने की जरूरत है, जिन बावलियों में पानी नहीं है उनमें पानी लाने के लिए इनकी गहराई तक गाद निकाले जाने की भी एएसआइ की योजना है। 

    राजों की बावली

    महरौली स्थित राजों की बावली के बारे में कहा जाता है कि कुतुबमीनार की नींव रखने वाले कुतुबुद्दीन एबक के दामाद इल्तुतमिश ने अपनी बेटी रजिया के लिए इस शाही बावली को बनवाया था। इस बावली का एएसआइ ने लंबे समय बाद संरक्षण कार्य करवाया है। बावली में मुख्य गेट के दरवारे की मरम्मत की गई है, सीढ़ियों को ठीक किया गया है। बावली के एक भाग में बचे जीना की मरम्मत कराई गई है।

    गंधकी की बावली में नहाने से दूर हो जाता है चर्म रोग

    गंधक की बावली गंधक की बावली महरौली में स्थित है। इस बावली को इल्तुतमिश के शासनकाल में 1211-36 के दौरान बनवाया गया था। कुछ लोग इस बावली में नहाने भी आते हैं। उनका मानना है कि इस बावली के पानी में नहाने से चर्म रोग ठीक हो जाता है।

    निजामुद्दीन दरगाह की बावली

    धार्मिक आस्था की प्रतीक इस बावली में कुछ साल पहले तक गंदा पानी बहाया जाता था। मगर आगा खां ट्रस्ट ने मेहनत की और झुग्गियों को यहां से हटवाया, बावली का संरक्षण कराया। बावली का स्रोत खुल गया है। अब इस बावली में बहुत पानी नहीं है। कहा जाता है कि इस बावली को निजामुद्दीन औलिया ने बनवाया था।

    बावली-पीर गायब

    इस बावली को फिरोजशाह तुगलक के समय 1351-88 में बनवाया गया था। ऐसी मान्यता है कि यह बावली उस समय एक फकीर संत के लिए बनवाई गई थी। यह बावली हिन्दूराव अस्पताल परिसर के एक कोने में स्थित है। इस बावली में भी काफी कम है।

    बावली-कोटला फिरोजशाह

    इस बावली को भी फिरोजशाह तुगलक के समय 1351-88 में बनवाया गया था। यह बावली किला के अंदर है। यह बावली गोलाई में बनी हुई है। इसमें पानी है, मगर पानी कम होता जा रहा है।

    ये हैं दिल्ली की 12 बावलियां

    1. गंधक की बावली
    2. महरौली-उग्रसेन की बावली
    3. राजों की बावली महरौली
    4. बावली तुगलकाबाद किला
    5. बावली-तुगलकाबाद पैलेस एरिया
    6. बावली-निजामुद्दीन की दरगाह-वजीराबाद का गुंबद
    7. बावली- आर के पुरम
    8. बावली-अरब की सराय
    9. बावली-लालकिला
    10. बावली-काेटला फिराेज शाह
    11. बावली-पुराना किला
    12. बावली पीर गायब, बाड़ा हिन्दूराव

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