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    कौन हैं राजेंद्र पाल गौतम, जो ढाई साल की AAP सरकार में इस्तीफा देने के लिए हुए मजबूर

    दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर समाज कल्याण मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय संभालने वाले राजेंद्र पाल गौतम (AAP MLA Rajendra Pal Gautam) दलित समुदाय में खासी पैठ रखते हैं। वह वर्षों से सामाजिक कार्य कर रहे हैं।

    By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 09:14 AM (IST)
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    आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम की फाइल फोटो।

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Rajendra Pal Gautam : पिछले ढाई साल से भी अधिक समय से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के राजेंद्र पाल गौतम पहले मंत्री हैं, जिन्हें विपक्ष के दबाव के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह ताज्जुब की बात है कि पिछले तकरीबन 8 साल से शासन के दौरान AAP के ज्यादातर दलित समुदाय से आने वाले मंत्री ही विभिन्न कारणों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुए हैं।

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    राखी बिड़लान और संदीप कुमार भी मंत्री पद गंवा चुके हैं, इस कड़ी में राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हो गए हैं। आइये जानते हैं कि कौन हैं AAP नेता राजेंद्र पाल गौतम और किन कारणों से गंवानी पड़ी अपनी कुर्सी?

    नशा छुड़ाने का अभियान भी चला चुके हैं राजेंद्र पाल गौतम

    राजेंद्र पाल गौतम कई सालों से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वकालत करने वाले राजेंद्र पाल बड़े बेबाक अंदाज में अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। राजेंद्र पाल गौतम ने गरीब परिवारों के तकरीबन 500 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाने का काम कर चुके हैं। इसके साथ वह युवाओं में नशे की लत छुड़ाने का काम भी शिद्दत से कर चुके हैं।

    समाजसेवा के लिए मिला डा. आंबेडकर रत्न अवार्ड

    राजेंद्र पाल गौतम ने बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा स्थापित समता सैनिक दल के सैनिक बनकर पूरे देश में दलितों और पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी, वह 1987 में ही समता सैनिक दल से जुड़े। उनके कार्यों के चलते वर्ष 2001 में समता सैनिक दल को दिल्ली सरकार ने डा. आंबेडकर रत्न अवार्ड प्रदान किया गया।

    सालों तक जुड़े रहे समता सैनिक दल से

    दलित समाज में गहरी पकड़ और जुझारू अंदाज को देखते हुए वर्ष 2002 में समता सैनिक दल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव की जिम्मेदारी राजेंद्र पाल गौतम को दी गई। उन्होंने समता सैनिक दल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के तौर पर 8 साल तक सफलतापूर्वक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। दलितों के लिए किए गए संघर्ष के चलते राष्ट्रपति की ओर से वर्ष 2017 में समता सैनिक दल को डा. अम्बेडकर रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    अन्ना आंदोलन और अरविंद केजरीवाल के प्रति झुकाव 

    लगातार समाज सेवा और दलितों के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले राजेंद्र पाल गौतम वर्ष 2012 में हुए अन्ना आंदोलन से भी प्रभावित हुए। उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया अरविंद केजरीवाल ने। यही वजह है कि वर्ष 2014 में अरविंद केजरीवाल की विचारधारा से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। उनकी कर्मठता को देखते हुए वर्ष 2015 में राजेंद्र पाल गौतम ने अपने प्रतिद्वंद्वी को भारी मतों से पराजित करते हुए सीमापुरी विधानसभा से AAP विधायक बने। 

    वर्ष 2015 में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर समाज कल्याण मंत्रालय, अनुसूचित जाति/जनजाति मंत्रालय, रजिस्ट्रार आफ को-आपरेटिव सोसाइटीज व गुरुद्वारा इलेक्शन के प्रभार का जिम्मा दिया। 2020 में AAP की सरकार बनी तो राजेंद्र पाल गौतम दोबारा मंत्री बने।  

    काफी सोच समझकर बनाया था अरविंद केजरीवाल ने मंत्री

    बता दें कि राजेंद्र पाल गौतम पहले से ही इस तरह के संगठनों से जुड़े रहे हैं। वह खुद भी एक संगठन चला रहे हैं। मंत्री बनने के समय भी इन्हीं बातों को लेकर काफी मंथन हुआ था। इससे कई दिनों तक इन्हें मंत्री बनाए जाने का फैसला लटका रहा था। हालांकि, बाद में इनके अनुभव को देखते हुए अन्य विधायकों पर इन्हें वरीयता दी गई थी।

    नहीं किया कुछ भी गलत: राजेंद्र पाल गौतम

    गौतम यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, भाजपा ने कार्यक्रम को गलत तरीके से प्रचारित किया है। उनके अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने भी बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाओं को प्रचारित किया है।