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Delhi MCD Election: चुनाव से पहले सामने आए कई फर्जी वोटर कार्ड, शिकायत के बाद भी मतदाता सूची से नहीं हटे नाम

सरिता विहार वार्ड में बड़ी संख्या में फर्जी वोटर कार्ड बनाने का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटाने के लिए अधिकारियों से कई बार अनुरोध किया गया लेकिन उन्हें सूची से नहीं हटाया गया।

By Arvind Kuma DwivediEdited By: Abhi MalviyaPublished: Thu, 01 Dec 2022 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2022 05:56 PM (IST)
Delhi MCD Election: चुनाव से पहले सामने आए कई फर्जी वोटर कार्ड, शिकायत के बाद भी मतदाता सूची से नहीं हटे नाम
फर्जी वोटरों को लेकर लोगों ने की शिकायत। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरिता विहार वार्ड में बड़ी संख्या में फर्जी वोटर कार्ड बनाने का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटाने के लिए अधिकारियों से कई बार अनुरोध किया गया लेकिन उन्हें सूची से नहीं हटाया गया। दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए अब यहां के विभिन्न पाकेट के आरडब्ल्यूए को जो वोटर स्लिप दी गई हैं उनमें ऐसे सैकड़ों फर्जी वोटर मिले हैं जो कभी इस कालोनी में रहे ही नहीं। यहां के मकान मालिकों ने बताया कि उनके पते पर जिन लोगों के वोटर कार्ड बनाए गए हैं उन्हें तो कभी किराए पर भी नहीं रखा है।

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जानकाकरी के मुताबिक ऐसे घरों में भी फर्जी वोटर कार्ड बनाए गए हैं जो घर कई सालों से बंद हैं।इनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर भी हैं। कालोनी के लोगों ने आशंका जताई है कि इन फर्जी वोटरों में बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान भी शामिल हो सकते हैं। वहीं, इस बारे में दक्षिण-पूर्वी जिले की डीएम ईशा खोसला ने बताया कि कालोनी के लोगों की शिकायत मिलने के बाद देखेंगे कि क्या समस्या है।उसी के अनुसार उसका समाधान किया जाएगा।

शिकायत के बावजूद फर्जी वोटरों के नहीं हटे सूची से नाम

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि उन्होंने कभी किराएदार नहीं रखा। इसके बावजूद उनके घर के पते पर तीन वोटर कार्ड बने हैं। एक अन्य शिकायतकर्ता ने बताया कि उनका घर काफी समय तक बंद रहा। फिर जब से वह इसमें रहने आए उसके बाद भी कोई किराएदार नहीं रखा। इसके बावजूद उनके घर के पते पार चार लोगों के वोटर कार्ड बने हैं।उन्होंने स्थानीय बीएलओ को इसकी शिकायत की। इसके अलावा स्थानीय आरडब्ल्यूए के अलग-अलग पाकेट की ओर से सामूहिक शिकायत भी की जा चुकी है। इसके बावजूद फर्जी वोटरों का सूची से नाम नहीं हटाया गया है।

सरिता विहार के बीएलओ ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने ऐसे 350 वोटरों के नाम सूची से हटाने के लिए ओखला स्थित स्थानीय कार्यालय में सौंपे थे लेकिन नाम नहीं हटाए गए। अब गरुण एप से ऐसे नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है।

इसलिए बढ़ा शक

ओखला के शाहीन बाग स्थित श्रम विहार व कालिंदी कुंज में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। सूत्रों की मानें तो ये लोग चोरी, डकैती, झपटमारी, ठक-ठक गैंग व गुलेल गैंग जैसे स्ट्रीट क्राइम करने वाले गिरोह में शामिल रहते हैं। पकड़े जाने पर ये अपनी पहचान बंगाल निवासी बांग्लादेशी के रूप में बताते हैं। ज्यादातर मामलों में ये अपनी पहचान बंगाल के 24 परगना निवासी बांग्लादेशी के रूप में बताते हैं। ज्यादातर के पास बंगाल का आधार कार्ड, वोटर कार्ड और यूएनएचसीआर से जारी पहचान पत्र भी होता है। लेकिन इस पहचान पत्र को ये वहीं दिखाते हैं जहां इससे कोई फायदा मिलने वाला हो। आपराधिक गतिविधियों में पकड़े जाने पर ये लोग यूएनएचसीआर पहचान पत्र की बजाय यहां का आधार कार्ड, वोटर कार्ड दिखाते हैं ताकि अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई से बच सकें।

इतने फर्जी वोटर मिले

- सरिता विहार के पाकेट बी में अभी तक ऐसे करीब 427 वोटर मिले हैं।

- सरिता विहार के पाकेट सी में अभी तक ऐसे करीब 650 वोटर मिले हैं।

मामले को लेकर भाजपा का पक्ष

इस मामले को लेकर दिल्ली भाजपा के प्रदेश मंंत्री एस राहुल ने कहा कि अपनी सियासी रोटियां सेंकने के लिए कुछ राजनेता रोहिंग्या मुसलमानों के वोटर कार्ड बनवा रहे हैं। लेकिन उन्हें स्थानीय लोगों की कोई चिंता नहीं है। ये तो वे फर्जी वोटर हैं जिन्हें आरडब्ल्यूए और स्थानीय निवासियों ने अपने घरों के पते के आधार पर चिन्हित किया है। पूरी ओखला विधानसभा की जांच की जाए तो ऐसे हजारों फर्जी वोटर मिलेंगे।

बिना सत्यापन किए न करने दिया जाए मतदान- आरडब्ल्यूए

सरिता विहार के विभिन्न पाकेट के आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने कहा कि एक साजिश के तहत फर्जी वोटर कार्ड बनाए गए हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि वह चुनाव आयोग से मांग करेंगे कि मतदान केंद्रों पर ऐसे लोगों को सिर्फ वोटर कार्ड और मतदाता सूची में नाम होने के आधार पर मतदान नहीं करने दिया जाए। जिस व्यक्ति को वोटर कार्ड जिस पते पर बना है, उस घर के वास्तविक मालिक द्वारा सत्यापन के बाद ही मतदान करने दिया जाए।

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