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Delhi MCD Election: कांग्रेस की मजबूती पर टिकी भाजपा की आस, त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई में पार्टी को मिलता है लाभ

Delhi MCD Election में BJP की आस पूरी तरह से कांग्रेस की मजबूती पर टिकी हुई है। भाजपा नेता यह उम्मीद भी लगाए हुए हैं। उन्हें इस समय अपनी पार्टी से ज्यादा चिंता कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर है। सुनने में यह थोड़ा लगता है लेकिन यही सच्चाई है।

By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaPublished: Tue, 06 Dec 2022 11:08 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 11:08 PM (IST)
Delhi MCD Election: कांग्रेस की मजबूती पर टिकी भाजपा की आस, त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई में पार्टी को मिलता है लाभ
भाजपा नेता यह उम्मीद भी लगाए हुए हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नगर निगम चुनाव में भाजपा की आस पूरी तरह से कांग्रेस की मजबूती पर टिकी हुई है। भाजपा नेता यह उम्मीद भी लगाए हुए हैं। उन्हें इस समय अपनी पार्टी से ज्यादा चिंता कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर है। सुनने में यह थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन सच्चाई यही है। भाजपा त्रिकोणीय मुकाबले में अपना लाभ तलाश रही है। पिछला इतिहास भी यही रहा है। तीन या ज्यादा दलों के बीच मत विभाजन होने का सीधा लाभ भाजपा को मिलता है। आमने-सामने की लड़ाई में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। Delhi MCD 2022 के चुनाव के नतीजे देखें

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2012 तक भाजपा और कांग्रेस में होता था मुख्य मुकाबला 

वर्ष 2012 तक भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य चुनावी मुकाबला होता था। उसमें भी पार्टी का प्रदर्शन अन्य पार्टियों व निर्दलीय प्रत्याशियों को मिलने वाले मत पर निर्भर करता था। आम तौर पर पिछले चुनावों में भाजपा का मत प्रतिशत लगभग 36 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2012 के निगम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले अच्छे मत का सीधा लाभ भाजपा को हुआ था और पार्टी निगम की सत्ता प्राप्त करने में सफल रही थी।

त्रिकोणीय मुकाबला में पहले भी हुआ है भाजपा को लाभ

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा, आप व कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने पर भाजपा को लाभ हुआ था और वह सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। उसके बाद वर्ष 2015 व वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। पार्टी का मत प्रतिशत 10 से नीचे पहुंच गया जिसका लाभ आप को हुआ। लेकिन, वर्ष 2017 के निगम चुनाव में कांग्रेस चुनावी लड़ाई त्रिकोणीय बनाने में सफल रही। उसने 20 प्रतिशत से ज्यादा मत प्राप्त किया जिसका लाभ भाजपा को हुआ था। पार्टी 272 में से 181 सीटें जीतकर तीसरी बार निगम की सत्ता प्राप्त की थी।

कांग्रेस का मत प्रतिशत 15 से नीचे गया तो होगी मुश्किल 

पिछले चुनावी आंकड़े को देखते हुए भाजपा के नेता भी चुनाव परिणाम आने से पहले कांग्रेस की स्थिति का आंकलन करने में व्यस्त दिखे। उनका कहना है कि यदि कांग्रेस पिछले चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराने में सफल रही तो भाजपा अपना निगम का दुर्ग बचाने में सफल हो सकती है। वहीं, कांग्रेस का मत प्रतिशत 15 प्रतिशत से नीचे गया तो पार्टी की निगम में वापसी मुश्किल है।

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