Delhi Mask News: दिल्ली-एनसीआर में क्यों जरूरी है मार्च तक मास्क लगाना? पढ़िये- एक्सपर्ट व्यू
Delhi Mask News कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद मास्क की अनिवार्यता भले ही खत्म हो गई है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में मास्क लगाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा। इसके पीछे वजह है दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण।
नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम/सोनीपत, जागरण डिजिटल डेस्क। हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के साथ-साथ स्थानीय कारणों से भी दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रूदषण बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक (air quality index) 200 के पार चल रहा है। दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में स्माग छाने के आसार हैं। यह आशंका भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भी जता चुका है।
प्रदूषण से बचाव का उपाय है मास्क
दिल्ली में मास्क लगाने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है, लेकिन विशेषज्ञ आगामी मार्च तक मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। नोएडा के नामी अस्पताल में कार्यरत डाक्टर राहुल शर्मा का कहना है कि बेशक कोरोना का असर कम हो गया है, लेकिन वायु प्रदूषण आगामी मार्च तक लोगों को परेशान करेगा। इससे निपटने का सबसे आसान उपाय मास्क लगाना है।
गंभीर रूप से बीमार मरीज लगाएं मास्क
वहीं, दिल्ली के सरिता विहार स्थित अपोलो अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे किडनी रोग विशेषज्ञ डा. डीके अग्रवाल का कहना है कि वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से पहले ही मास्क लगाना शुरू कर देना चाहिए। धूल वाले इलाके में मास्क जरूर लगाएं। खासकर किडनी, हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट के मरीज घर से बाहर निकलें तो मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं।
एन-95 मास्क है सर्वाधिक कारगर
आमतौर पर मास्क न केवल धूल से बचाता है, बल्कि इससे वायरस भी पास नहीं आता है। ऐसे में घर से बाहर यात्रा के दौरान मास्क जरूर लगाएं। वायु प्रदूषण की स्थिति में साधारण मास्क की बजाय विशेषज्ञ एन-95 मास्क लगाने को प्राथमिकता देते हैं। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में इजाफा होने की स्थिति में एन-95 सबसे ज्यादा कारगर रहता है।
95 प्रतिशत प्रदूषित कणों से बचाता है
एन-95 की खासियत यह होती है कि इसमें लीकेज नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि सांस लेने के दौरान इसके किनारों से हवा नहीं प्रवेश करती है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति में जो 95 प्रतिशत प्रदूषित कणों से बचाता है।
लगा सकते हैं सर्जिकल मास्क भी
एन-95 मास्क हर व्यक्ति लगाने को प्राथमिकता नहीं देता है। ऐसे में सर्जिकल मास्क न सिर्फ हल्का होता है बल्कि इसकी तीन परतें बैक्टीरिया एवं पार्टीकुलेट मैटर को फेफड़ें तक पहुंचने से रोकती हैं। डाक्टरों की मानें तो कुछ हद तक सामान्य मास्क भी वायु प्रदूषण रोकने में कारगर रहता है।
टीबी और अन्य बीमारियों से संक्रमित जरूर लगाएं मास्क
टीबी का हर मरीज एक बार खांसने पर 30 हजार से ज्यादा बैक्टीरिया हवा में छोड़ता है, जो किसी स्वस्थ व्यक्ति को बीमार कर सकती हैं। अस्थमा के जिन मरीजों ने नियमित रूप से मास्क पहना, उनमें एलर्जी में कमी देखी गई।
अब नहीं होगा 500 रुपये जुर्माना
ओमिक्रोन के नए सब-वैरिंयट के अलर्ट के बीच दिल्ली में करीब ढ़ाई साल बाद सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। ऐसे में अब बाजारों, सार्वजनिक परिवहन व अन्य जगहों पर मास्क नहीं पहनने पर अब कोई चालान नहीं कटेगा। मास्क न पहनने पर 500 रुपये जुर्माने के प्रविधान को रद कर दिया है।
भीड़ में संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनने की अपील
काेरोना का संक्रमण बेशक कम हो गया है लेकिन इसके मामले पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। लिहाजा, मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म किए जाने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील करते हुए यह सलाह दी है कि भीड़ में कोरोना की संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल जरूरत करें।
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