Health News : 10 दिन से दीपचंद बंधु अस्पताल में नहीं थे एंटी रेबिज इंजेक्शन, शोर मचा तो चंंद घंटों में...
दिल्ली के आदर्श नगर स्थित दीपचंद बंधु अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की बैठक में एआरएस इंजेक्शन की कमी का मुद्दा उठा। विधायक पूनम भारद्वाज ने अस्पताल प्रशासन को मरीजों की असुविधा दूर करने के निर्देश दिए। शिकायत मिलने के कुछ घंटों बाद ही अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध हो गए। बैठक में लिफ्टों की खराबी अल्ट्रासाउंड सुविधा और कैंटीन संचालन जैसे मुद्दे भी उठाए गए।

धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। आदर्श नगर स्थित दीपचंद बंधु अस्पताल में पिछले करीब 10 दिन से एआरएस (एंटी रेबिज सिरम) इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। यह बात रोगी कल्याण समिति की बैठक में उठी तो कुछ ही घंटों के भीतर एआरएस इंजेक्शन अस्पताल में पहुंच गए। वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पूनम भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई बैठक में अस्पताल में लिफ्ट न चलने, सप्ताह में केवल दो दिन अल्ट्रासाउंड सुविधा, ओपीडी के प्रतीक्षालय हाल में कई पंखे न चलने, कैंटीन को लेकर शिकायतें रखी गईं। विधायक ने अस्पताल प्रशासन से कहा कि मरीजों काे असुविधा हो, यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अस्पताल में जितनी भी कमियां हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से दूर करने के निर्देश भी दिए।
लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा
दीपचंद बंधु अस्पताल रोगी कल्याण समिति की बैठक मंगलवार दोपहर हुई। बैठक में विधायक के अलावा अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. वत्सला अग्रवाल के अलावा समिति के सदस्य व अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में समिति के सदस्य प्रदीप कोली ने बताया कि पिछले 10 दिन से अस्पताल में एआरएस इंजेक्शन नहीं हैं, इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कुत्ते व अन्य जानवरों के काटने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 50 से लेकर 70 लोग पहुंच रहे हैं। यहां इंजेक्शन नहीं होने की वजह से लोगों को अन्य अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है। कोली ने बताया कि कल बैठक में यह मामला उठने के बाद कल रात को यह इंजेक्शन अस्पताल में पहुंच गए।
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अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल रही
समिति सदस्य डा. एचसी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा सात दिन और 24 घंटे उपलब्ध होनी चाहिए। वर्तमान में सप्ताह में केवल दो दिन ही मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल रही है।
यह चौंकाता है कि 200 बिस्तर के अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन संचालन करने वाले डाक्टर सप्ताह में मात्र दो दिन अस्पताल आते हैं। डा. गुप्ता ने दवाओं की कमी का विषय भी उठाया और बताया कि दवाओं का बफर स्टाक नहीं रखने की वजह से अक्सर दवाओं की कमी का सामना करना पड़ता है। एक अन्य सदस्य ने अस्पताल के ओपीडी प्रतीक्षालय हाल में बड़ी संख्या में पंखों के खराब होने का मसला उठाया।
वजीरपुर से विधायक पूनम भारद्वाज ने अस्पताल प्रशासन को तत्काल प्रभाव से सभी कमियों और समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए और कहा कि सुविधाओं के लिए सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। मरीज को हर सुविधा मिलनी चाहिए। इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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छह में से तीन लिफ्ट खराब, मरीज परेशान
अस्पताल में मरीज और तीमारदारों के लिए छह लिफ्ट हैं, इनमें से तीन लिफ्ट (एक, पांच व आठ नंबर) खराब हैं। समिति सदस्य प्रदीप कोली ने बताया कि पिछले कई महीनों से लिफ्ट उपयोग में नहीं हैं। इस वजह से मरीज-तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जो लिफ्ट चल रही हैं, इनमें से एक-दो लिफ्ट अटक-अटक कर चल रही हैं। बताया जाता है कि अस्पताल परिसर में कुल 10 लिफ्ट हैं, इनमें चार डाक्टर व स्टाफ के लिए आरक्षित हैं। ये चारों लिफ्ट चल रही हैं।
अनाधिकृत रूप से कैंटीन संचालन का मुद्दा उठाया
बैठक के दौरान समिति सदस्यों ने अस्पताल में कैंटीन के अनाधिकृत रूप से संचालन का मसला भी उठाया। डा. एससी गुप्ता ने बताया कि बिना जरूरी अनुमति के पिछले 4-5 साल से कैंटीन चल रही है। संचालक अस्पताल परिसर से बिजली आपूर्ति लेकर कैंटीन चला रहा है। यह कैंटीन किसकी अनुमति से चल रही है, इस प्रश्न का उत्तर अस्पताल प्रशासन के पास नहीं है।
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