Health news: डेंगू के खिलाफ एक साथ कई विभाग मिलकर करेंगे लड़ाई, बेहतर उपचार की व्यवस्था
शहर से लेकर गांवों तक डेंगू के मामलों की रोकथाम डेंगू से पीडि़त रोगियों को बेहतर उपचार की व्यवस्था के साथ ही अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाई है। जिसे संबंधित विभाग अधिकारियों और अस्पतालों को भी भेज दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बरसात के दिनों में डेंगू की समस्या आम बात है। प्रदेश में भी हर वर्ष डेंगू के हजारों मामले सामने आते हैं। लिहाजा मुख्य सचिव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के खिलाफ लड़ाई की विस्तृत योजना बनाई है। इस लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, सभी जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को शामिल किया गया है। शहर से लेकर गांवों तक डेंगू के मामलों की रोकथाम, डेंगू से पीडि़त रोगियों को बेहतर उपचार की व्यवस्था के साथ ही अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाई है। जिसे संबंधित विभाग, अधिकारियों और अस्पतालों को भी भेज दिया गया है।
स्वास्थ्य संस्थानों को पर्याप्त जांच किट
अपर मुख्य सचिव के स्तर पर हुई बैठक में यह फैसला हुआ कि डेंगू की जांच के लिए सभी मेडिकल संस्थानों को में पर्याप्त जांच किट तथा मरीजों को मच्छरदानी युक्त बेड एवं दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना विकास निगम को सौंपी गई है। जिन इलाकों में पिछली बार ज्यादा डेंगू के केस आए थे उन जगहों को चिह्नित कर एंटी लार्वा रसायन का छिड़काव, फागिंग का काम निरंतर कराया जाएगा।
फागिंग एवं एंटी लार्वा का होगा छिड़काव
शहरी क्षेत्रों में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतें जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर फागिंग एवं एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाएगा। डीएम का कार्य समय-समय पर इसकी मानीटरिंग होगा। सफाई एक्सप्रेस (कूड़ा ढोने वाली गाडिय़ां) में लगे आडियो सिस्टम से डेंगू से बचाव के संबंध में जागरूकता फैलाई जाएगी। इस काम का जिम्मा सभी नगर निगम आयुक्तों को सौंपा गया है।
अस्पतालों में चिह्नित किए जाएंगे बेड
डेंगू मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड चिह्नित किए जाएंगे। मेडिकल कालेज अस्पतालों में 30 बेड, सदर व अनुमंडलीय अस्पताल में पांच बेड, स्वास्थ्य केंद्रों में दो-दो बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व किए जाएंगे। आवश्यकता के आधार पर बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। सभी चिकित्सा संस्थानों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सात दिनों 24 घंटे सुनिश्चित की जाएगी। आवश्यकता के आधार पर ब्लड डोनेशन कैंप भी आयोजित किए जाएंगे।
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