दिल्ली हाईकोर्ट ने रद की NHAI अधिसूचना, CLAT-PG स्कोर के आधार पर वकीलों की भर्ती से जुड़ा है मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने एनएचएआई की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है जिसमें क्लैट-पीजी परीक्षा के माध्यम से अधिवक्ताओं की भर्ती की बात कही गई थी। अदालत ने पहले इस अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी थी। छह अधिवक्ताओं ने इस अधिसूचना को मनमाना बताते हुए याचिका दायर की थी जिसके बाद अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट-पीजी) की परीक्षा के माध्यम से अधिवक्ताओं की भर्ती से जुड़ी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की अधिसूचना को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि विवादित अधिसूचना के आधार पर भर्ती मानदंड रद किए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, 18 सितंबर को अदालत ने अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि इसके पीछे कोई तर्क नहीं है। मामले पर सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले, एनएचएआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि वह वकीलों की भर्ती के लिए क्लैट-पीजी स्कोर को आधार बनाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।
11 अगस्त को जारी अधिसूचना को मनमाना बताते हुए छह अधिवक्ताओं ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (पीजी) में किसी उम्मीदवार के अंक को सरकारी नौकरी का आधार नहीं बनाया जा सकता।
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