जनहित याचिका के बाद NHAI हुआ नर्म, CLAT-PG आधारित वकीलों की भर्ती नीति पर करेगा पुनर्विचार, दिया हलफनामा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधिवक्ताओं की भर्ती के लिए क्लैट-पीजी 2022 के अंकों को आधार बनाने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा। दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में एनएचएआई ने यह जानकारी दी। अदालत ने मामले की सुनवाई 18 सितंबर के लिए तय की है। याचिकाकर्ता ने क्लैट-पीजी के अंकों को सार्वजनिक रोजगार का आधार बनाने संबंधी अधिसूचना को मनमाना बताया है कोर्ट ने एनएचएआई से जवाब मांगा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अधिवक्ताओं की भर्ती के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2022 (CLAT-PG/क्लैट-पीजी) के अंकों को आधार बनाने के अपने फैसले पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पुनर्विचार करेगा। सोमवार को एनएचएआई की तरफ से दाखिल हलफनामा में यह जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष दी गई। एनएचएआई के हलफनामा को देखते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 18 सितंबर के लिए तय कर दी। भर्ती के क्लैट पीजी के अंकों को आधार बनाने की एनएचएआई की अधिसूचना को चुनौती दी गई है।
जनहित याचिका पर सुनवाई
एनएचएआई के वकील ने चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी। अदालत वकील शन्नू बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एनएचएआई द्वारा 11 अगस्त को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई। इसमें कहा गया था कि क्लैट-पीजी स्कोर वकीलों की भर्ती का आधार होगा।
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अधिसूचना को मनमाना बताया
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में वकीलों की भर्ती के लिए क्लैट-पीजी के अंकों को आधार बनाने संबंधी एनएचएआई की अधिसूचना को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि क्लैट-पीजी के अंक सार्वजनिक रोजगार का आधार नहीं हो सकते क्योंकि यह केवल मास्टर डिग्री की योग्यता का आकलन करता है। अदालत ने एनएचएआई से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ता ने अधिसूचना को मनमाना बताया गया है।
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