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Delhi: अवमानना केस में विवेक अग्निहोत्री को व्यक्तिगत रूप से 10 अप्रैल को पेश होने का HC से निर्देश

विवेक अग्निहोत्री को अवमानना के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने में 10 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया। विवेक अग्निहोत्री ने न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की थी।

By AgencyEdited By: Shyamji TiwariPublished: Thu, 16 Mar 2023 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2023 03:13 PM (IST)
Delhi: अवमानना मामले में विवेक अग्निहोत्री को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का HC से निर्देश

नई दिल्ली, एएनआई। फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को अवमानना के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने में 10 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया। अवमानना का यह मामला 2018 में न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के से जुड़ा है। विवेक अग्निहोत्री ने न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की थी। 

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10 अप्रैल को पेश होने का निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने विवेक अग्निहोत्री को 10 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया। पीठ ने छह दिसंबर के उस आदेश का भी संज्ञान लिया जिसमें अग्निहोत्री को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था। 6 दिसंबर को अंतिम सुनवाई में अग्निहोत्री ने 2018 में किए गए ट्वीट्स के लिए बिना शर्त माफी मांगी।

बुखार से पीड़ित हैं विवेक- वकील

पीठ ने अग्निहोत्री को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा था। कोर्ट में फिल्म निर्देशक के वकील ने कहा कि अग्निहोत्री बुखार से पीड़ित हैं और इस प्रकार अदालत के समक्ष उपस्थित होने में सक्षम नहीं थे। इसके बाद पीठ ने उन्हें अगली तारीख पर शारीरिक रूप से पेश होने को कहा। साथ ही विवेक अग्निहोत्री के वकील ने एक हलफनामे के माध्यम से प्रस्तुत किया था कि उनके मुवक्किल द्वारा ट्वीट हटा दिए गए थे।

दूसरी ओर, एमिकस क्यूरी ने सबमिशन का विरोध करते हुए कहा कि ट्वीट्स को सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर ने डिलीट किया था, उनके द्वारा नहीं। खंडपीठ ने कहा था, "हम उन्हें उपस्थित रहने के लिए कह रहे हैं क्योंकि वह अवमाननाकर्ता हैं। क्या उन्हें व्यक्तिगत रूप से खेद व्यक्त करने में कोई कठिनाई है? 

न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर की थी टिप्पणी

बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपित कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत देने वाले तत्कालीन न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर विवेक अग्निहोत्री ने पूर्वाग्रह का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर फिल्म निर्देशक की टिप्पणी पर कोर्ट मे स्वत: संज्ञान लिया था।


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