नई दिल्ली, पीटीआई। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य की जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों की समयपूर्व रिहाई के फैसले से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराने पर सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश के डीजी (जेल) के खिलाफ अवमानना का केस बंद कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विगत 20 जनवरी को डीजी (जेल) को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।

अदालत ने आदेश दिया था कि तीन महीने के अंदर जेल प्रशासन उम्रकैद की सजा पाए कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर विचार कर फैसला लिया जाए। खंडपीठ ने शुक्रवार को जैसी ही सुनवाई शुरू की राज्य सरकार की ओर से पेश एडीशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर बड़ी तादाद में उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को जल्दी रिहा करने पर फैसला लिया गया है।

बता दें कि वर्ष 2018 की उत्तर प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार बीस साल से अधिक की कैद के बाद ही रिहाई पर विचार किया जा सकता है।खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि 48 याचिकाकर्ताओं को रिहाई की मंजूरी मिल गई है। शेष मामलों पर विचार नहीं किया गया है। इसलिए अगले छह हफ्ते में विचाराधीन होने वाली अदालत की अवमानना की याचिका को खारिज किया जाता है। अदालत ने इससे पहले कहा था कि 27 जनवरी को डीजी (जेल) को निजी स्तर पर पेश होने की जरूरत नहीं है।

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Edited By: Devshanker Chovdhary