भ्रष्टाचार को लेकर सत्येंद्र जैन के खिलाफ फिर CBI जांच की सिफारिश
दिल्ली सरकार ने लोकनायक अस्पताल के निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एलजी से सीबीआई जांच की सिफारिश की है। सरकार का कहना है कि साजिश के तहत लागत 465 करोड़ से बढ़कर 1139 करोड़ हो गई। समिति ने पसंदीदा वास्तुकार के चयन और बिना निविदा के परामर्श कार्य देने जैसी अनियमितताएं उजागर कीं। नई इमारत में 1500 बेड और आधुनिक सुविधाएं होंगी।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई मामलों की विशेष अदालत से राहत मिलने के एक दिन बाद ही पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन एक अन्य विवाद में सामने आ गए हैं।
दिल्ली सरकार ने लोकनायक अस्पताल के 22 मंजिला नए ब्लाॅक के बनाए जाने में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जांच के लिए फाइल एलजी वीके सक्सेना के पास भेज दी है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि लोकनायक अस्पताल में जिस इमारत का अनुबंध 465 करोड़ का किया गया था, एक साजिश के तहत बार-बार बदलाव कर इसकी लागत 1139 करोड़ तक पहुंचा दी गई।
इस मामले में एक साल पहले उपराज्यपाल द्वारा गठित की गई समिति ने सवाल उठाए हैं। समिति ने कई अन्य तरह के भी आरोप लगाए गए हैं। जिसकी रिपोर्ट आने पर दिल्ली सरकार ने अब फाइल भेज कर एलजी से इस मामले में सीबीआई से जांच की सिफारिश की है।
लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है जो बहुत सफाई के साथ किया गया है, जांच होने पर आराेपित बच नहीं पाएंगे।
वर्मा ने कहा है कि पूर्व लोक निर्माण मंत्री जैन ने नियमों को दरकिनार कर इसमें बदलाव करवाए। वह निरीक्षण करने जाते थे और किसी मंशा के तहत बदलाव सुझाते थे, जिससे लागत बढ़ जाती थी। 674 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ।
बता दें कि इमारत के निर्माण में अतियमितताओं की बात सामने आने पर पिछले साल उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा प्रक्रियात्मक खामियों की जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी।
समिति ने पाया है कि मूल अनुबंध राशि 465 करोड़ रुपये थी, जो लगभग 243 प्रतिशत बढ़कर 1,139 करोड़ रुपये हो गई है।
समिति ने इन प्रमुख अनियमितताओं को किया उजागर
- पसंदीदा वास्तुकार सलाहकार का चयन एक संदिग्ध प्रक्रिया के माध्यम से किया गया, जिसमें अनियमितताएं बरती गईं और सामान्य वित्तीय विनियमन (जीएफआर) के प्रविधानों का घोर उल्लंघन किया गया।
- तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के निर्णयानुसार बिना किसी निविदा के नामांकन के आधार पर मेसर्स सिक्का एसोसिएट्स को 5.27 करोड़ रुपये मूल्य के 84,420 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए परामर्श कार्य प्रदान किया गया।
- 6 सलाहकारों को सूचीबद्ध करते समय यह विशेष रूप से ध्यान में रखा गया था कि प्रत्येक परियोजना के लिए अलग से वित्तीय बोली आमंत्रित की जाएगी, हालांकि इस शर्त का उल्लंघन किया गया और फिर जिलावार या क्षेत्रवार सलाहकारों की नियुक्ति का मनमाना निर्णय लिया गया।
- जिला केंद्रीय से संबंधित परामर्श कार्य के लिए 5.62 करोड़ रुपये मूल्य के 90,000 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए बोलियां आमंत्रित की गईं।
- परामर्शदाता को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए, क्षेत्र को गुप्त रूप से बढ़ाकर 1,62,490 वर्ग मीटर कर दिया गया, जिससे तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के निर्णय के अनुसार देय परामर्श शुल्क 5.62 करोड़ रुपये से बढ़कर 10.15 करोड़ रुपये हो गया।
- स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के आधार पर, वित्त विभाग, योजना विभाग और विधि विभाग की इस टिप्पणी के बावजूद कि वैधानिक अनुपालन पूरी तरह से नहीं किया गया है, कैबिनेट नोट अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया।
- समिति ने पाया है कि प्रभारी मंत्री के इस फैसले के कारण परियोजना में उचित परिश्रम और निगरानी प्रक्रिया बुरी तरह चरमरा गई। वित्त विभाग द्वारा इन मुद्दों पर नौ दौर से ज़्यादा परामर्श और आपत्तियों के बावजूद ऐसा किया गया।
- प्रभारी मंत्री के आदेश पर वैधानिक मंज़ूरियों और डीपीआर/डीबीआर के अभाव में कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त की गई।
झूठे मामले बनाने में समय बर्बाद कर रही भाजपा: आप
इस मामले में आम आदमी पार्टी ने कहा कि भाजपा और उसके मंत्री एसीबी, सीबीआई और ईडी के चक्कर में पड़े हैं। वे हर दिन आप नेताओं के खिलाफ साजिश रचते हैं, बेबुनियाद और झूठे मामले तैयार करने में समय बर्बाद करते हैं और इन दिशाहीन जांचों पर करदाताओं का पैसा बर्बाद करते हैं।
आप ने कहा कि भाजपा नेताओं को कानून की बुनियादी समझ भी नहीं है। उन्हें भ्रष्टाचार शब्द की मूल परिभाषा भी समझ नहीं आती। अभी एक दिन पहले ही अदालत ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई के एक मामले को बंद करके उन्हें सबक सिखाया है।
इस इमारत का क्या होगा लाभ
लोकनायक अस्पताल में निर्माणाधीन 22 मंजिला एडवांस पीडियाट्रिक एंड मैटरनिटी ब्लाक के निर्माण कार्य का शिलान्यास अक्टूबर 2020 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया था। इस नई इमारत में विशेष मातृ भ्रूण चिकित्सा इकाई भी होगी।
साथ ही इसमें दो तल पर 150 आइसीयू, 34 ऑपरेशन थिएटर, दो आपातकालीन आपरेशन थिएटर, दो तल पर रिसर्च लैब और बाकी तल पर चिकित्सा वार्ड होंगे। इस समय अस्पताल में मौजूदा लेबर रूम पुराने हैं।
वहीं, बाल रोग और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग अलग-अलग मंजिल पर स्थित हैं। इस नई इमारत में 1500 बेड के साथ सभी सुविधाएं एक ही तल पर उपलब्ध होंगी।
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