भाजपा ने कहा- पिछली सरकर ने टिफिन रूम को फांसीघर बताकर किया उद्घाटन, विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा
दिल्ली विधानसभा में फांसी घर के मुद्दे पर हंगामा हुआ। स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रीय अभिलेखागार के अनुसार विधानसभा परिसर में फांसी घर का कोई इतिहास नहीं है बल्कि वह टिफिन रूम की लिफ्ट थी। भाजपा ने आप पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया जबकि विपक्ष ने इस मुद्दे पर बहस का विरोध किया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में ''फांसीघर'' के मुद्दे पर हंगामा हुआ। सत्र शुरु होते ही स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा परिसर में फांसी घर का इतिहास नहीं है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अभिलेखागार से जब दिल्ली विधानसभा के भवन का ऐतिहासिक नक्शा देखा गया, तब पता चला कि जिसे फांसीघर बताकर आम आदमी पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने उद्घाटन करवा दिया, टिफिन रूम की लिफ्ट थी।
भाजपा विधायक अभय वर्मा ने सदन को बताया कि 1911 में बनी इस बिल्डिंग का नक्शा देखने के बाद पता चला कि स्पीकर जहां बैठते हैं, वहां दो लिफ्ट थीं। ऊपर खाना बनने के बाद रस्सी के सहारे नीचे पहुंचाया जाता था। वर्मा ने कहा कि पिछली सरकार भैंस को बकरी बनाने में भरोसा रखती थी।
गुप्ता ने बताया कि स्पीकर का कमरा कभी वायसराय का कमरा होता था। उसके बाद एक स्मोकिंग रूम भी है। यही नहीं जिसे फांसी का फंदा बताया गया, वो टिफिन रूम के लिफ्ट की रस्सी होती थी।
''आप'' ने विधानसभा के फांसीघर पर क्या कहा?
आम आदमी पार्टी की सरकार ने 09 अगस्त 2022 को इसको फांसीघर बताया था और शहीदों से जोड़ा था। भाजपा ने कहा कि वो भी उस दिन जब भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ थी। हालांकि विधानसभा के इस फांसीघर पर नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इसका विरोध किया।
उन्होंने कहा कि कहा दिल्ली में इतनी समस्याएं हैं, लेकिन उस पर चर्चा न करते फांसीघर पर बहस हो रही है। आम आदमी पार्टी के एक विधायक ने सदन में चैट जीपीटी का हवाला देकर कहा कि चैट जीपीटी बोल रहा है कि विधानसभा में फांसीघर है।
जरनैल सिंह ने कहा कि ब्रिटिशकाल के काले कारनामों छिपाने के लिए ये किया जा रहा है। जवाब में प्रवेश वर्मा ने कहा कि चैट जीपीटी से भी बता रहा है कि इस फांसीघर को आम आदमी पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने खोजा। ये सब झूठ इसके नाम पर नहीं चलेगा।
दिल्ली विधानसभा की इमारत का क्या है इतिहास
दिल्ली विधानसभा देश की पहली संसद थी। आजादी से पहले इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल यानि केंद्रीय विधानसभा की बैठक यहां होती थी। बाद में जब 1927 में आज का संसद भवन रायसीना में बनकर तैयार हो गया तब यहां से शिफ़्ट कर दिया गया।
दिल्ली विधानसभा का इतिहास 100 से भी ज्यादा पुराना है। इस इमारत का नक्शा मशहूर वास्तुकार मांटेक थामस ने बनाया था और इमारत 1912 में बनकर तैयार हुई थी। बाद में जब दिल्ली को यूटी का दर्जा मिला तो इसको विधानसभा के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है।
विधानसभा से लालकिला तक सुरंग का दावा भी गलत
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इतिहासकारों के साथ एक बैठक भी हुई। उन्होंने भी कहा कि तथाकथित ''फांसीघर'' और उससे जुड़ी संरचना वास्तव में एक ''टिफिन रूम'' और एक लिफ्ट थी। हमें उपलब्ध कराए गए राष्ट्रीय अभिलेखागार के दस्तावेजों ने भी इसे साबित कर दिया है।
गुप्ता ने कहा कि विधानसभा से लालकिला तक सुरंग होने का दावा भी गलत है। इतिहासकारों का कहना है कि पुराने समय में ऐसी इमारतों में भूमिगत वेंटिलेशन नलिकाएं होती थीं।
भाजपा विधायकों ने मांग की कि आप सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल झूठे दावों से लोगों को गुमराह करने और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए माफी मांगें।
भाजपा विधायक अजय महावर ने इस मामले में आम आदमी पार्टी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष ने विपक्षी आप विधायकों से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने आप विधायकों को बुधवार को तथ्यों और दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
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