दिल्ली के कारोबारियों को सरकार ने दी राहत, नगर निगम से फैक्ट्री लाइसेंस लेने की अनिवार्यता खत्म
दिल्ली में व्यापारियों को फैक्ट्री लाइसेंस से मुक्ति मिल गई है। एमसीडी सदन में प्रस्ताव पारित होने के बाद निगम ने आधिकारिक आदेश जारी किए हैं। अब दिल्ली सरकार के औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्री संचालकों को एमसीडी से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी एमएसएमई या डीएसआइडीसी पंजीकरण ही काफी होगा। संपत्ति कर में फैक्ट्री की जानकारी देना अनिवार्य है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में फैक्ट्री लाइसेंस से व्यापारियों को मुक्ति मिल गई है। अब निगम से इसके लिए अलग से लाइसेंस नहीं लेना पड़ेगा।
10 जुलाई को एमसीडी सदन में पारित हुए प्रस्ताव के बाद निगम इसके अधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। अब दिल्ली सरकार के औद्योगिक इलाकों में फैक्ट्री संचालकों को निगम से लाइसेंस लेनी जरुरत नहीं होगी।
उन्हें केवल इस आधार पर लाइसेंस मिल जाएगा कि उनका उद्योग या तो एमएमएमई के लिए पंजीकृत हो या फिर डीएसआईडीसी से पंजीकृत हो।
निगम उसको ही लाइसेंस मान लेगा। इसके लिए न तो फैक्ट्री संचालकों निगम के दफ्तर नया लाइसेंस बनवाने के लिए आना होगा और न ही रिन्यू कराना होगा। दिल्ली नगर निगम के फैक्ट्री लाइसेंस विभाग के अतिरिक्त आयुक्त से इससे संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं।
हालांकि फैक्ट्री संचालकों का लाइसेंस जब ही वैध माना जाएगा तबकि फैक्ट्री संचालक जब संपत्तिकर जमा करेंगे तो उसमें फैक्ट्री होने की जानकारी देंगे। इसमें पांच प्रतिशत अतिरिक्त संपत्तिकर देना होगा।
निगम के द्वारा जारी आदेश पर दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर जारी एक पोस्ट में लिखा है कि यदि फैक्ट्री के पास एमएसएमई उद्यम पंजीकरण या दिल्ली सरकार से अलाटमेंट लेटर या फिर लीज़ डीड है तो वही दस्तावेज अब धारा फैक्ट्री लाइसेंस के तौर पर मान्य होंगे।
अब कोई अलग लाइसेंस नहीं लेना होगा, जिससे न केवल अनावश्यक कागजी प्रक्रिया घटेगी, बल्कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित होगा। यह निर्णय दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्र को आत्मनिर्भरता और सुविधा आधारित शासन की दिशा में मजबूत करेगा।
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