Delhi Election: आखिर कैसे बदल गया दिल्ली का चुनावी रण? कांग्रेस ने इन 11 सीटों पर बढ़ाई AAP-BJP की टेंशन
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 यमुना के पानी विवाद और हाल ही में पेश हुए बजट से दिल्ली का चुनाव पूरी तरह बदल गया है। वहीं नई दिल्ली विधानसभा समेत करीब 12 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने आम आदमी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है। आगे विस्तार से जानिए आखिर कौन-कौन सीटों पर कांग्रेस ने चुनौती पैदा की है।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। Delhi Election 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार का शोर आज यानी सोमवार शाम को बंद हो जाएगा। पिछले कई दिनों से सभी पार्टियों के बड़े नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं। एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। आरोप प्रत्यारोप की राजनीति के बीच अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने के आरोप से दिल्ली के चुनावी रण में नया विवाद खड़ा हो गया।
वहीं, केंद्रीय बजट में 12 लाख तक आयकर छूट की घोषणा से भी चुनावी समीकरण प्रभावित होने की बात कही जा रही है। दिल्ली के सभी सीटों पर कांटे की लड़ाई है। आम आदमी पार्टी के साथ चौथी बार सत्ता में वापसी की चुनौती है।
सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही आप
आप अपने कार्यकाल में नि:शुल्क बिजली-पानी व महिलाओं को नि:शुल्क बस यात्रा की सुविधा देने के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा में सुधार के बल पर सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए महिलाओं को प्रति माह 2100 रुपये देने सहित विभिन्न वर्गों के लिए कई गारंटी की घोषणा की है।
इसके जवाब में भाजपा व कांग्रेस ने भी महिलाओं को 2500 रुपये देने सहित बुजुर्गों, युवाओं व अन्य वर्गों से कई वादे कर दिए हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले बागियों के कारण भी आप की परेशानी बढ़ सकती है। इसके आठ विधायकों व छह पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।
इस आरोप को लेकर AAP को घेरने में जुट गए
इस स्थिति में पार्टी के सामने अपने कार्यकर्ताओं को जोड़कर रखने की चुनौती है। पिछले दिनों यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से नया विवाद शुरू हो गया है। केजरीवाल ने हरियाणा पर पानी में जहर देने का आरोप लगया दिया। भाजपा नेताओं ने आक्रामक तरीके से पलटवार किया और चुनाव आयोग से शिकायत की। प्रधानमंत्री से लेकर अन्य नेता इस आरोप को लेकर आप को घेरने में जुट गए।
भाजपा को इससे जगी उम्मीद
उन्होंने इसे दिल्ली व हरियाण के लोगों के बीच के संबंध से जोड़ दिया। इस विवाद से हरियाणा के साथ लगते विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है। केंद्रीय बजट में 12 लाख तक आयकर छूट की घोषणा का भी दिल्ली के चुनाव पर असर पड़ सकता है।
यही कारण है कि प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा नेता इसे चुनावी मंच से उठाकर दावा कर रहे हैं सिर्फ भाजपा मध्य वर्ग का ध्यान रखती है। पिछले विधानसभा चुनावों में मध्य वर्ग को साधने में असफल रही भाजपा को इससे उम्मीद जगी है।
वहीं, आप भी मध्य वर्ग का मुद्दा उठाकर उन्हें अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। पिछले दिनों केजरीवाल ने मध्य वर्ग के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी कर केंद्र सरकार के सामने आयकर में छूट सहित उनके लिए कई अन्य मांगें रखी थी।
केंद्र सरकार को यह निर्णय करना पड़ा
आप नेता यह दावा कर रहे हैं कि उनके दबाव के कारण केंद्र सरकार को यह निर्णय करना पड़ा है। देर से ही सही लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित अन्य बड़े नेता अपने प्रत्याशियों के प्रचार के लिए चुनावी रण में उतर चुके हैं।
विधानसभा चुनावों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
राहुल व प्रियंका अपनी चुनावी सभाओं में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं। दोनों आप सरकार पर लगे भ्रष्टाचार व शीशमहल का मुद्दा उठा रहे हैं। इसके साथ केंद्र की आप सरकार पर महंगाई व बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। इनके प्रचार में उतरने से कांग्रेस प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा है। उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
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नई दिल्ली, कालकाजी, जंगपुरा, बादली, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, उत्तम नगर, बादली, सीलमपुर, बिजवासन, बवाना सहित कई सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों से आप व भाजपा को कड़ी चुनौती मिल रही है।
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