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    Delhi Election: 8 महीने में कैसे बदल गए रिश्ते, ‘मोहब्बत की दुकान’ वाले राहुल के मन में केजरीवाल के लिए अब ‘नफरत’

    Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 से पहले राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के रिश्तों में आया बदलाव चर्चा का विषय बना हुआ है। आठ महीने पहले तक एक-दूसरे का समर्थन करने वाले ये दोनों नेता अब एक-दूसरे पर जमकर हमलावर हैं। राहुल गांधी ने केजरीवाल को भ्रष्ट और झूठा तक कह दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल गांधी आठ महीने पहले सही थे या अब?

    By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 03 Feb 2025 11:06 AM (IST)
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    एक कार्यक्रम के दौरान राहुल और अरविंद केजरीवाल। फाइल फोटो

    स्वदेश कुमार, नई दिल्ली। मोहब्बत की दुकान चलाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले आठ महीनों में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए काफी बदल चुके हैं। या यूं कहें कि सियासी मजबूरी ने उनके दिल में केजरीवाल के लिए ‘मोहब्बत’ की जगह ‘नफरत’ पैदा कर दी है।

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    राहुल और केजरीवाल के रिश्तों में आया बदलाव

    आठ महीने पहले जब देश में लोकसभा चुनाव चल रहे थे, उस समय राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। देशभर में दोनों की पार्टियों के बीच 22 सीटों पर जुगलबंदी थी।

    तब राहुल ने मई, 2024 में दिल्ली की एक सभा में कहा भी था कि इस चुनाव में मेरा वोट केजरीवाल को जाएगा और केजरीवाल का वोट कांग्रेस को, लेकिन मई, 2024 से जनवरी, 2025 में आते-आते जिस तरह से मौसम ने करवट ली। ठीक उसी तरह से राहुल ने भी यू-टर्न ले लिया।

    केजरीवाल पर जमकर हमले कर रहे राहुल गांधी

    राहुल के बयानों में अब अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। सत्ता से बाहर करने के साथ दिल्ली में कांग्रेस को शून्य पर लाने वाले अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच नजदीकियों की शुरुआत साल 2023 में हो गई थी।

    जब भाजपा की केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने की मंशा से सभी विपक्षी दल आइएनडीआइए के बैनर तले एक साथ आ गए। यहां राहुल और केजरीवाल एक मंच पर पहुंचे। इसके बाद मार्च, 2024 में जब केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया तो राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

    केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या बोले थे राहुल? 

    राहुल ने एक्स पर पोस्ट कर केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकतंत्र की हत्या बताया था। लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। आप चार जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ रही थी। दोनों को एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस नेताओं के सुर बदलने लगे। उन्होंने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तो आप का साथ दिया, लेकिन उसे बदले में आप से सहयोग नहीं मिला।

    धीरे-धीरे कांग्रेस के नेताओं को लगने लगा कि विधानसभा चुनाव साथ लड़े तो पार्टी के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जाएगा। आप की तरफ से कोई उत्सुकता नहीं दिखाई गई। ऐसे में दोनों पार्टियों ने रास्ते बदल लिए। कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया।

    केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित को उतारकर कांग्रेस ने दिखाए तेवर

    अरविंद केजरीवाल के सामने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को उतारकर कांग्रेस ने अपने तेवर दिखा दिए। अब बची-कुची कसर राहुल, अरविंद केजरीवाल पर हमला कर पूरी कर रहे हैं। गिरफ्तारी को गलत बताने वाले राहुल अब अरविंद केजरीवाल को भ्रष्ट कहने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। राहुल के भाषण में भाजपा से ज्यादा आप पर निशाना साधा जा रहा है।

    मौसम की तरह राहुल ने भी लिया यू-टर्न

    ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राहुल या तो आठ महीने पहले सही थे या अब। राहुल तब बोले थे, "अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल कांग्रेस का बटन दबाएंगे और मैं आप को वोट दूंगा।"

    राहुल अब बोल रहे हैं (31 जनवरी के भाषण में) अरविंद केजरीवाल झूठे, भ्रष्टाचारी होने के साथ दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी हैं, केजरीवाल सिर्फ झूठे वादे करते हैं।