Delhi Election: 'खुद को मुस्लिम तुष्टिकरण का प्रतीक मानते हैं लेकिन...', ओवैसी के बयान पर गिरिराज सिंह का पलटवार
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा वह मुसलमानों के अलावा किसी और विषय को कवर नहीं कर पाते हैं। वह खुद को मुस्लिम तुष्टिकरण का प्रतीक मानते हैं। सरकार किसी के खिलाफ साजिश नहीं करती। हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कानून अपना काम करता है। आगे पढ़िए आखिर ओवैसी ने क्या कहा था।

एएनआई, नई दिल्ली। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "वह मुसलमानों के अलावा किसी और विषय को कवर नहीं कर पाते हैं। वह खुद को मुस्लिम तुष्टिकरण का प्रतीक मानते हैं। सरकार किसी के खिलाफ साजिश नहीं करती। हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कानून अपना काम करता है।"
केजरीवाल के जेल से चुनाव लड़ने पर उठाए सवाल
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल जमानत पाकर चुनाव लड़ सकते हैं तो एआईएमआईएम उम्मीदवार शिफा-उर-रहमान भी जेल के अंदर से चुनाव लड़कर जीत सकते हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख ने यह टिप्पणी ओखला विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार शिफा-उर-रहमान के लिए प्रचार करते समय की, जो 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में कथित संलिप्तता के लिए जेल में बंद हैं।
ओवैसी ने दिया ये उदाहरण
एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा "अगर अरविंद केजरीवाल इस देश में जमानत पाकर छह महीने बाद चुनाव लड़ सकते हैं, तो हम शिफा को जेल के अंदर से जिताएंगे।"
इसके अलावा, एआईएमआईएम प्रमुख ने पार्टी उम्मीदवार शिफा-उर-रहमान के साथ तुलना करने के लिए जॉर्ज फर्नांडीज का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर फर्नांडीज 'बड़ौदा डायनामाइट केस' के लिए बिहार की जेल में रहते हुए चुनाव जीत सकते हैं, तो शिफा भी जेल में रहते हुए ओखला चुनाव जीतेंगे और विधायक बनेंगे। यह प्रक्रिया उनके लिए सजा के तौर पर बनाई गई है।
शिफा जेल में क्यों हैं और केजरीवाल जेल में क्यों नहीं हैं? केजरीवाल, सिसोदिया और अमानतुल्लाह को जमानत क्यों मिली, लेकिन शिफा और ताहिर को नहीं? ओवैसी ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल इस देश में जमानत पा सकते हैं और छह महीने बाद चुनाव लड़ सकते हैं, तो हम शिफा को जेल के अंदर से जिताएंगे...।"
शिफा उर रहमान और ताहिर हुसैन को उम्मीदवार घोषित करने पर एआईएमआईएम की आलोचना करने वाले अन्य राजनीतिक दलों पर कड़ा प्रहार करते हुए ओवैसी ने कहा कि जो लोग इस पर आपत्ति कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्हें भारतीय संसद में वे सांसद नहीं दिखते, जिनके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "भारत की संसद में कुल जीते हुए उम्मीदवारों में से 250 ऐसे सांसदों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। 250 में से 170 सांसदों पर दुष्कर्म, हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण के मामले दर्ज हैं। इनमें से 94 भाजपा के उम्मीदवार हैं, 32 कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, 17 समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं और 4 शिवसेना के उम्मीदवार हैं। वे भारत की संसद में बैठे हैं।
झूठे मामलों में जेल में डाल दिया
कहा जिन लोगों ने कुछ नहीं किया, उन्हें पिछले पांच सालों से झूठे मामलों में जेल में डाल दिया गया है। जो लोग विरोध कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। (तुम चुल्लू भर पानी में डूब मारो...) आपको भारतीय संसद में आपराधिक मामलों वाले सांसद नहीं दिखते, आपको तो सिर्फ शिफा और ताहिर ही दिखते हैं...।"
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एआईएमआईएम ने आगामी दिल्ली चुनाव के लिए मुस्तफाबाद और ओखला विधानसभा क्षेत्र से ताहिर हुसैन और शिफा उर रहमान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इन दोनों पर 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आरोप लगाया गया है।
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प्रवेश वर्मा ने भी केजरीवाल पर हमला बोला
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर दिए गए बयान पर भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल को चुनाव ही नहीं लड़ना चाहिए। नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि कैसे उन्होंने शराब घोटाले में हजारों-करोड़ों रुपये डकार लिए, कैसे उन्होंने अपने शीशमहल बनाया, लोगों की जिंदगी खराब की, उन्हें ऑक्सीजन नहीं दी।
कहा दिल्ली के युवाओं को नौकरी नहीं दी। एक भी फ्लाईओवर नहीं बनाया न ही एक भी नई यूनिवर्सिटी नहीं बनाई। आज हमारे बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता। तो कुछ नहीं हुआ। तो अरविंद केजरीवाल को माफी जरूर मांगनी चाहिए।"
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