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    Delhi: दिल्ली के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता बने CBSE सचिव, चार साल तक इस पद पर रहेंगे

    By Ritika MishraEdited By: Sonu Suman
    Updated: Fri, 01 Dec 2023 01:00 AM (IST)

    दिल्ली सरकार में शिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में सीबीएसई के सचिव पद पर चयनित किया गया है। भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने 30 नवंबर को इस संबंध में उन्हें तत्काल पद का कार्यभार संभालने का आदेश जारी किया है। वे चार साल तक इस पद पर रहेंगे।

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    दिल्ली सरकार में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता बने सीबीएसई सचिव।

    रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में शिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत एजीएमयूटी कैडर के वर्ष 2012 बैच के आइएएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में सीबीएसई के सचिव पद पर चयनित किया गया है।

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    भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने 30 नवंबर को इस संबंध में उन्हें तत्काल पद का कार्यभार संभालने का आदेश जारी किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति कुल चार वर्ष के लिए होगी। सूत्रों के मुताबिक सिविल सर्विसेस बोर्ड ने उनका नाम इस पद के लिए सुझाया था।

    इसके पहले इस पद पर छह वर्ष तक आइआरएस अधिकारी अनुराग त्रिपाठी कार्यरत थे। सितंबर के पहले सप्ताह में वो इस पद से कार्यमुक्त हुए थे और तबसे यह पद खाली था। त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020, राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (एनसीएफ), योग्यता आधारित शिक्षा (सीबीई) पर विशेषकर कार्य किया।

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    दिल्ली सरकार में शिक्षा निदेशक के पद पर तैनात

    गुप्ता को अक्टूबर 2021 में दिल्ली सरकार में शिक्षा निदेशक के पद पर तैनात किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन को आगे बढ़ाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को दिल्ली के स्कूलों में लागू करने पर बढ़-चढ़कर कार्य किया है। वहीं, सरकारी स्कूलों की आधारभूत संरचना के कायापलट में उनकी भूमिका अहम रही है। अपने कार्यकाल में उन्होंने सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट एडवाइजरी बोर्ड गठित किया। जिसके तहत विद्यार्थी एक दूसरे की समस्याओं को सुनते हैं और हल निकालते हैं।

    स्कूलों में मोंटेसरी लैब को स्थापित कराया

    वहीं, दिल्ली में डॉ. बीआर आंबेडकर स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को विस्तार देने, उसकी आधारभूत संरचना पर कार्य को लेकर भी उनकी भूमिका अहम रही है। उन्होंने प्राथमिक शिक्षण अधिगम में काफी प्रयोग किए। स्कूलों में मोंटेसरी लैब को स्थापित कराया। सभी स्कूलों में शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर विभिन्न प्रशिक्षण सत्र आयोजित कराएं।

    यूट्यूब पर पाठ्य के वीडियो बना कर अपलोड

    प्रधानाचार्यों को विदेश में और अन्य राज्यों के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में भेजकर प्रशिक्षण दिलाया है। कोरोना के दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि स्कूल ऑफलाइन माध्यम से बंद होने के बावजूद हर विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्राप्त करें। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों को यूट्यूब पर पाठ्य के वीडियो बना कर अपलोड करने के लिए समय-समय पर प्रोत्साहित किया।

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