Cyber Crime In Delhi : दिल्ली बना साइबर अपराध का गढ़, 11 साल में 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लूटी
पिछले एक दशक में दिल्ली साइबर अपराधियों के निशाने पर रही है। 2014 से 2025 तक ऑनलाइन धोखाधड़ी से दिल्लीवालों को 1450 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले लगभग आठ गुना बढ़े हैं। सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है जिसमें साइबर अपराध समन्वय केंद्र और रिपोर्टिंग पोर्टल शामिल हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पिछले दशक में साइबर अपराधियों के निशाने पर रहा है। वर्ष 2014 से मध्य 2025 तक ऑनलाइन धोखाधड़ी के कारण दिल्लीवासियों से 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की मेहनत की कमाई लूट ली गई है। यह चौंकाने वाला डेटा मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के हवाले से बताया कि इस दौरान साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में करीब आठ गुना इजाफा हुआ है।
हर साल बढ़ता जा रहा आंकड़ा
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा में कहा कि 2014 में महज 226 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें 2.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। मगर 2024 तक यह आंकड़ा 1,591 मामलों तक पहुंच गया, जिसमें वित्तीय नुकसान 817 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया।
2025 की पहली छमाही (30 जून तक) में भी 184 मामले सामने आए, जिसमें पीड़ितों को 70 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगी। इसी अवधि में दिल्ली पुलिस ने 11,712 साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं।
हालांकि, एनसीआरबी की 'क्राइम इन इंडिया 2022' रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में प्रति लाख जनसंख्या पर साइबर अपराध की दर 3.2 मामले हैं, जो तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों से कम है। फिर भी, यहां प्रति मामले का आर्थिक नुकसान असाधारण रूप से अधिक है।
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साइबर खतरों से निपटने की चुनौती
साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं लेकिन महिलाओं को निशाना बनाने वाले अपराधों में संरचनात्मक कमियां बरकरार हैं। मंत्री राय ने बताया कि केंद्र ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल, और नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली जैसी पहलों से तंत्र को मजबूत किया है। सरकार ने राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला स्थापित की और कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण के लिए कार्यक्रम शुरू किया है।
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महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध निवारण (CCPWC) योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाओं, जूनियर साइबर सलाहकारों की नियुक्ति और पुलिस-अभियोजकों-न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है।
दिल्ली में साइबर लैब्स शुरू किए गए हैं और इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) इकाई गठित की गई है। 2022 से शहर के 15 जिलों में हर एक में साइबर पुलिस स्टेशन और सभी थानों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई हैं।
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