गाजियाबाद पुलिस ने साइबर ठग को दबोचा, राजनगर के शख्स से की थी 18 लाख की धोखाधड़ी; बैंकॉक से जुड़ा कनेक्शन
गाजियाबाद पुलिस ने विजय नगर से एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है जिसने राजनगर एक्सटेंशन के एक व्यक्ति से 18.10 लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपित सोशल मीडिया पर दोस्ती कर फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निवेश कराकर ठगी करते थे। गैंग के सदस्यों की तलाश जारी है जिनमें से एक का संबंध बैंकाक से बताया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। साइबर थाना पुलिस ने शनिवार को विजय नगर से एक साइबर ठग को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने राजनगर एक्सटेंशन के एक व्यक्ति से 18.10 लाख रुपये ठग लिए थे।
आरोपित सोशल मीडिया पर दोस्ती कर पीड़ितों को फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर निवेश कराने के बाद ठगी का अंजाम देता है। आरोपितों का गैंग कई वर्ष से ठगी कर रहा था। पुलिस गैंग के सदस्यों की तलाश में जुटी है। गैंग एक सदस्य बैंकाक से जुडा है।
आरोपित मोहित चौधरी उर्फ हर्ष आनंद उर्फ हर्ष मिश्रा के पास से एक पासबुक, 12 चेकबुक, पांच पैन कार्ड, एक वोटर आइडी, एक वाहन आरसी, छह डेबिट व क्रेडिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, छह मोबाइल फोन, एक पीओएस मशीन और एक मुहर बरामद हुई है। आरोपित ने पुलिस को बताया कि उनका गैंग साइबर ठगी करता है।
फर्जी वेबसाइट पर कराते हैं निवेश
फेसबुक और वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रचार कर फर्जी वेबसाइट पर निवेश कराते हैं। ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर निवेश कराने के बाद पैसे हड़प लेते हैं। मोहित और उसका भाई मोनू ने मिलकर अपने फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे।
पैन कार्ड बनवाकर इन आधार पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराकर बैंक खाते खुलवाते थे। गैंग में पंजाब का मनीष, आकाश व आशीष शामिल थे। आशीष साइबर फ्रॉड के पैसे मोहित के द्वारा खुलवाए खातों में जमा करवाता था।
मोहित व उसके भाई को ट्रांजेक्शन पर कमीशन मिलता था। खातों से पैसे निकाल कर आकाश के माध्यम से मोहित और मोनू आशीष को देते थे। आशीष यादव का बैंकाक से भी लिंक सामने आया है।हालांकि उसके बारे में पुलिस और अधिक जानकारी जुटा रही है।
आरोपितों ने छह नवंबर 2024 को कौशांबी निवासी नितेंद्र कुमार के साथ भी 8.77 लाख रुपये की ठगी की थी। जिसमें मोहित चौधरी का भी हाथ था। पुलिस फरार सदस्यों की तलाश में जुटी है।
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