चौंका देगा राजधानी में हुई घटनाओं का ये आंकड़ा, हाई प्रोफाइल लोगों को भी बनाया शिकार और...
दिल्ली में झपटमारी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में चाणक्यपुरी में एक कांग्रेस सांसद झपटमारी का शिकार हुईं। पुलिस आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन 14 से अधिक झपटमारी की वारदातें हो रही हैं जिससे पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पिकेट चेकिंग में कमी और मामलों को हल्के में लेने के कारण इन घटनाओं पर अंकुश लगाना मुश्किल है।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजधानी में झपटमारी की वारदात पर पुलिस अंकुश नहीं लगा पा रही है। झपटमारों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे नई दिल्ली जैसे अति सुरक्षित क्षेत्र में भी महिलाओं को शिकार बनाने से नहीं चूकते हैं।
वहीं, ताजा मामला बेहद हैरान करने वाला सोमवार को चाणक्यपुरी में सामने आया जब पोलैंड दूतावास के गेट के बाहर खड़ी कांग्रेस की एक महिला सांसद के साथ ही झपटमारी हो गई। स्कूटी सवार झपटमार वारदात के बाद आसानी से मौके से भागने में कामयाब हो गया।
वहीं, घटनाओं को देखें तो झपटमार दिन हो या रात किसी भी समय राह चलती महिलाओं या पार्कों के आसपास वाक करती महिलाओं का पर्स, चेन या मोबाइल झपट लेते हैं। दिल्ली पुलिस के बीते छह माह के आंकड़ों को देखें तो राजधानी में 2503 महिलाओं व अन्य के साथ झपटमारी की वारदात हुईं।
इस आंकड़े को प्रतिदिन के हिसाब से देखा जाय तो पूरी दिल्ली में हर दिन 14 से अधिक झपटमारी की वारदात हुई।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि सड़कों पर पुलिस की मुस्तैदी न होने के कारण स्ट्रीट क्राइम पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए चुनौती बनी है। झपटमारी होना शहर की लचर कानून व्यवस्था को दर्शाता है। बड़ी समस्या यह है कि किसी जिले में झपटमारी की वारदात होने पर पीड़ित अगर पीसीआर काल करता है तो घटना की काल को उस जिले में भी फ्लैश नहीं किया जाता है।
पीड़ित को थाने आकर शिकायत देने को कहा जाता है। कुछ मामले में वायरलैस मैसेज केवल संबंधित जिले में फ्लैश कर दिया जाता है। सभी थाना पुलिस अपने-अपने थानाक्षेत्र में हमेशा पिकेट लगाकर चेकिंग भी नहीं करती है।
अगर 24 घंटे सभी थाने की पुलिस अपने-अपने इलााके में पिकेट लगाकर जांच करें और हर घटना का वायरलैस मैसेज पूरी दिल्ली में फ्लैश हो तब झपटमारों में पकड़े जाने का खौफ पैदा हो सकता है। झपटमारी की घटना को बेहद हल्के में लेने के कारण राजधानी में इस तरह की वारदात पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। केवल हाई प्रोफाइल लोगों के साथ झपटमारी होने पर ही पुलिस उसे गंभीरता से लेती है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि गाजियाबाद के पसोंडा गिरोहों का राजधानी में आतंक रहा है। दो बाइक या दो स्कूटी पर सवार होकर चार की संख्या में वे झपटमारी करने दिल्ली आते हैं। उनके पास अवैध हथियार भी होते हैं। वारदात के बाद पकड़े जाने पर वे गोलियां चलाने से नहीं चूकते हैं। चाणक्यपुरी मामले में पुलिस ने पसोंडा गिरोह का हाथ होने से इन्कार किया है।
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पुलिस का कहना है कि झपटमार अकेला था। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि झपटमार मोती नगर फ्लाई ओवर से चाणक्यपुरी आया था। पांच मिनट के अंदर महिला सांसद का चेन झपटकर वह वापस मोती नगर की तरफ फरार हो गया। हेलमेट पहने होने के कारण उसकी पहचान नहीं हो पाई। स्कूटी का नंबर भी कैमरे में कैद नहीं हो पाया।
हाई प्रोफाइल लोगों के साथ हुई घटनाएं
- 23 सितंबर 2017: यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा, लाल किले के पास हाई सिक्योरिटी वाले इलाके में सेल्फी ले रहे थे, तभी एक झपटमार उनका फोन झपट लिया था।
- 12 अक्टूबर 2019: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भतीजी दमयंती बेन मोदी का सिविल लाइंस इलाके में बदमाश हैंड बैग छीनकर फरार हो गए। बैग में दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड, लाइसेंस और नकदी थी।
- 15 मार्च 2022: भाजपा नेता विजय गोयल का जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के पास स्कूटी सवार बदमाश मोबाइल झपटकर फरार हो गए थे। उनकी कार का शीशा नीचे था, तभी बदमाश मौका पाकर उनका मोबाइल झपट लिया। घटना उस समय हुई थी जब गोयल दरियागंज से सुभाष मार्ग होते हुए लाल किले की ओर जा रहे थे।
- 20 अक्टूबर 2024: चांदनी चौक में घूमने आए फ्रांस के राजदूत थियरी माथौ का मोबाइल फोन चोरी हो गया था। वे अपनी पत्नी के साथ घूमने आए थे।
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