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    Delhi: 'जितनी सुनवाई आरोप तय करने पर हुई, उतने में आधा ट्रायल हो जाता', बृजभूषण केस को लेकर कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

    By Ritika MishraEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 07:03 PM (IST)

    महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अदालत ने पेशी से एक दिन की छूट दे दी। राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के दौरान बृजभूषण की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मोहन से कहा कि जितनी सुनवाई आरोप तय करने पर हुई है उतने में तो आधा ट्रायल हो जाता।

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    बृजभूषण शरण सिंह को अदालत ने पेशी से एक दिन की छूट दे दी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अदालत ने पेशी से एक दिन की छूट दे दी।

    राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के दौरान बृजभूषण की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मोहन से कहा कि जितनी सुनवाई आरोप तय करने पर हुई है उतने में तो आधा ट्रायल हो जाता। कोर्ट ने कहा कि आप अपने बचाव में ऐसी बातें कह रहे हैं जो आरोप तय करते समय नहीं की जाती हैं।

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    अब 21 अक्टूबर को सुना जाएगा मामला

    कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई 21 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध की है। बृजभूषण की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मोहन ने सुनवाई को दौरान कोर्ट में दलील दी कि पाश अधिनियम के तहत ओवरसाइट कमेटी की तुलना आंतरिक शिकायत कमेटी (ICC) से हो सकती है। इसलिए, महिला पहलवानों के ओवरसाइट कमेटी के समक्ष दिए गए बयान उनके पिछले बयान माने जाएंगे।

    अधिवक्ता ने कहा कि अगर कोई अजनबी किसी को गले लगता है तो यह समझ में आता है कि उसकी नीयत सही नहीं थी, लेकिन खेल के कार्यक्रम में जहां अमूमन खिलाड़ी एक-दूसरे को गले लगाते हैं वहां पर नीयत पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

    उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने दिल्ली की दो घटनाओं का जिक्र किया है और घटना की तारीखें बार-बार बदली। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं के सभी आरोप या तो दिल्ली के बाहर के हैं या देश के ही बाहर के हैं, ऐसे में जिस जगह का क्षेत्राधिकार बनाता है वहां पर शिकायत की जानी चाहिए।

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    दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता ने दी ये दलील

    दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने बृजभूषण की दलीलों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि ओरवसाइट कमेटी पाश अधिनियम के अंतर्गत गठित समिति नहीं है।

    पिछली सुनवाई में बृजभूषण शरण सिंह के अधिवक्ता ने छह महिला पहलवानों द्वारा उनके मुवक्किल के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद बताया था। उन्होंने कहा कि अगर सांसों की जांच करने के लिए नब्ज देखी जा रही है और यौन उत्पीड़न का इरादा नहीं है तो इसे यौन उत्पीड़न नहीं कहा जाएगा।

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    रिपोर्ट इनपुट- रीतिका