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    Delhi Chunav 2025: अपने विधायकों ने ही बढ़ाई AAP प्रत्याशियों के लिए चुनौती, 20 से ज्यादा MLA के कटे थे टिकट

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 08:10 AM (IST)

    Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे लेकिन एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया है। पार्टी ने जिन सीटों पर अपने विधायकों के टिकट काटकर नए प्रत्याशी उतारे थे वहां आप प्रत्याशियों को भाजपा और कांग्रेस के साथ ही अपने नाराज विधायकों से भी जूझना पड़ रहा है। कई विधायकों के समर्थकों ने आप प्रत्याशियों के लिए मतदान नहीं किया।

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    आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो।

    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। Delhi Chunav 2025 में आम आदमी पार्टी (आप) ने हार के डर से जिन सीटों पर अपने विधायकों के टिकट का काटकर नए प्रत्याशी उतारे थे, उन्हीं सीटों पर चुनौती अधिक है। बुधवार को मतदान के माहौल का आकलन करें तो ऐसी सीटों पर आप के प्रत्याशियों को भाजपा व कांग्रेस के साथ अपने विधायकों की नाराजगी से भी जूझना पड़ा है।

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    भाजपा में शामिल हो गए थे 8 विधायक

    सूत्रों की मानें तो ऐसी सीटों पर कई विधायकों के समर्थकों ने आप प्रत्याशियों के लिए मतदान नहीं किया। आठ विधायकों ने कुछ दिन पहले ही आप छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी और आप नेतृत्व पर भ्रष्टाचार सहित कई तरीके के आरोप लगाए थे।

    AAP प्रत्याशियों को हराने के लिए कर रहे थे काम

    सूत्रों की मानें तो आप के ये विधायक पार्टी के प्रत्याशियों को हराने के लिए टिकट काटे जाने के बाद से काम कर रहे थे। अब चुनाव परिणाम क्या रहता हैं, यह तो आठ फरवरी को ही पता चल सकेगा। यहां बता दें कि आप ने इस बार 20 से अधिक विधायकों के टिकट काटे थे।

    टिकट कटने की नाराजगी बगावत में बदली

    इनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडेय और शाहदरा से विधायक व दिल्ली विस के अध्यक्ष रामनिवास गोयल का नाम भी शामिल है। हालांकि पार्टी ने इन दोनों नेताओं का टिकट काटने से कुछ घंटे पहले ही उनसे एक पत्र जरूर सार्वजनिक करवा दिया था, जिसमें कहा था कि वह इस बार विस चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।

    सूत्रों की मानें तो टिकट कटने से पहले दोनों ही नेता क्षेत्र में चुनाव प्रचार की तैयारी तक कर चुके थे। पार्टी के फैसले पर चुप रहे, लेकिन अपनी सीट पर उतरे प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया। तिमारपुर में आप ने भाजपा से आए सुरेंद्र सिंह बिट्टू को टिकट दिया, जिनके लिए आप कार्यकर्ताओं ने काम करने से मना कर दिया।

    इन सीटों पर झेलना पड़ा नुकसान

    यह स्थिति मतदान तक बनी रही। शाहदरा में भी रामनिवास गोयल के अधिकतर समर्थक प्रत्याशी जितेंद्र सिंह शंटी के साथ नहीं जुड़ सके। अन्य सीटों की बात करें तो पालम, कस्तूरबा नगर, महरौली, देवली, मुस्तफाबाद, आदर्श नगर आदि सीटों पर ऐसी ही स्थिति बनी रही, जहां पर आपका प्रत्याशी को अंदर खाते अपने ही विधायकों द्वारा किए गए नुकसान को भी झेलना पड़ा है।

    आदर्श नगर से पवन शर्मा, मुंडका से धर्मपाल लाकड़ा, जनकपुरी से राजेश ऋषि, बिजवासन से बीएस जून, पालम से भावना गौड़, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया, कस्तूरबा नगर से मदन लाल और महरौली से नरेश यादव अब भाजपा में हैं।

    टिकट कटने वालों में देवली से प्रकाश जरवाल व मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस भी शामिल हैं। सीट हार जाने के डर से अंतिम समय में हरि नगर से विधायक राज कुमारी ढिल्लों का टिकट काट दिया। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। टिकट न मिलने से नाराज घोंडा से पार्टी के पूर्व विधायक श्रीदत्त शर्मा ने भाजपा का दामन थाम लिया।

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