Delhi News: ट्रैफिक जाम से मिलेगा छुटकारा, CM आतिशी ने किया फ्लाईओवर का उद्घाटन; 257 करोड़ की आई लागत
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज यानी बुधवार को अप्सरा बॉर्डर से आनंद विहार आरओबी तक नवनिर्मित फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। इससे लोगों को जाम से राहत मिलेगी। बताया गया कि 1.44 किमी लंबे फ्लाईओवर को बनाने में 257 करोड़ रुपये की लागत आई है। आगे विस्तार से पढ़िए आखिर इस फ्लाईओवर के चालू होने से किन-किन लोगों को ज्यादा फायदा होगा।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मुख्यमंत्री आतिशी ने फीता काटकर अप्सरा बॉर्डर से आनंद विहार आरओबी तक नवनिर्मित फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। यह 2.2 किलोमीटर है। इसके बनने से फ्लाईओवर के नीचे सड़क सिग्नल फ्री हो गई है।
(मुख्यमंत्री आतिशी ने किया उद्घाटन। जागरण फोटो)
बता दें कि पहले वेवक विहार, श्रेष्ठ विहार और रामप्रस्थ लालबत्ती के कारण जाम लगता था। इसे बनाने में 257 करोड़ रुपये की लागत आई है।
1.44 किमी लंबे फ्लाईओवर को बनाने में आई 257 करोड़ लागत
अप्सरा बॉर्डर से आनंद विहार रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) तक पर नवनिर्मित छह लेन के फ्लाईओवर बुधवार आज से औपचारिक तौर पर लोगों के लिए खुल गया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इसका उद्घाटन किया।
(मुख्यमंत्री आतिशी ने इसका उद्घाटन किया। जागरण फोटो)
सिंगल पिलर पर किया गया फ्लाईओवर का निर्माण
बताया गया कि 1.44 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण सिंगल पिलर पर किया गया है। इसे बनाने में 257 करोड़ रुपये लागत आई है। इसके बनने से आनंद विहार बस अड्डा और रेलवे स्टेशन से लोगों को अप्सरा बॉर्डर तक पहुंचने में पांच मिनट लगेंगे, पहले जाम की वजह से लोगों को आधा घंट लग जाता था।
पीडब्ल्यूडी ने शुरू किया था इसका निर्माण
10 अक्टूबर 2022 को पीडब्ल्यूडी ने इसका निर्माण शुरू किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिलान्यास किया था। उस वक्त 15 माह में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन पेड़ काटने की अनुमति समेत कई समस्याओं की वजह से इसमें देरी हुई।
(फ्वाईओवर का उद्घाटन करने के बाद खुशी जाहिर करती सीएम आतिशी। जागरण फोटो)
यह फ्लाईओवर पूरी तरह तैयार हाेने के बावजूद इससे दो पेड़ नहीं हटाए जा सके हैं। सुरक्षा उपाय अपनाते हुए इन पेड़ों के रहते इसका लोकार्पण किया जा रहा है। फ्लाईओवर के नीचे रोड पर भी श्रेष्ठ विहार, रामप्रस्थ और विवेक विहार लालबत्ती का अवरोध भी नहीं रह गया है।
दो साल में वसूल हो जाएगी लागत
पीडब्ल्यूडी ने निर्माण शुरू करते वक्त दावा है किया था कि इसकी लागत दो साल में वसूल हो जाएगी। पीडब्ल्यूडी ने आंकलन किया था कि जाम की वजह से इस राह से जाने में वाहन चालकों के औसत 11.07 मिनट खराब होते थे। फ्लाईओवर बनने पर इससे प्रतिदिन करीब 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे।
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144.78 करोड़ रुपये की होगी बचत
सालाना 16.57 लाख लीटर ईंधन की खपत कम होने से 144.78 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस तरह से दो साल में लागत वसूल हो जाएगी।
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