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    मौत से पहले सात घंटे खेला फ्री फायर गेम और चार घंटे देखा यूट्यूब, पाइप से लटकी मिली 10 वर्ष के मासूम की लाश

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 09:29 PM (IST)

    पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई में एक 10 वर्षीय बच्चे का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है जबकि परिवार हत्या का आरोप लगा रहा है। पुलिस के अनुसार बच्चा फ्री फायर गेम का आदी था और उसने 11 घंटे मोबाइल पर बिताए थे। परिजनों ने बच्चे को मोबाइल की लत से इनकार किया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    1 घंटे मोबाइल पर गेम व यूट्यूब पर बिताने के बाद 10 साल के बच्चे ने की आत्महत्या

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। नांगलोई थाना क्षेत्र में एक 10 वर्ष के बच्चे का शव लोहे के पाइप में चुन्नी से लटकता मिला। पुलिस इस घटना को आत्महत्या तो स्वजन इसे हत्या बता रहे हैं।

    पुलिस का कहना है कि बच्चा मोबाइल पर गेम खेलने की भयानक लत का शिकार था। मौके से जो मोबाइल मिला है, उसकी हिस्ट्री से पता चला है कि बच्चा 11 घंटे से मोबाइल देख रहा था।

    इसमें उसने सात घंटे फ्री फायर गेम खेला और चार घंटा यूट्यूब पर सक्रिय रहा। बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

    सैयद नांगलोई स्थित निगम विद्यालय में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चा अपने माता पिता के साथ अंबिका विहार काॅलोनी में टीन शेड के मकान में रहता था। माता-पिता दोनों कामकाजी हैं।

    बच्चे का बड़ा भाई आगरा में आवासीय विद्यालय में पढ़ता है। पिता ने बताया कि उनके बेटे की आयु अभी 10 वर्ष पूरी होने वाली थी। पढ़ाई लिखाई में वह ठीक था।

    घटना वाले दिन यानी 31 जुलाई को तेज वर्षा के कारण बच्चा स्कूल नहीं गया था। मां सुबह करीब साढ़े सात बजे काम पर निकल गई थी। पिता भी करीब नौ बजे काम पर निकल गए।

    इसके बाद बच्चा अपने घर में अकेला था। बच्चे के पिता ने बताया कि जब वह शाम छह बजे काम से लौटे तो पाया कि घर के बाहर लोग जुटे हैं। पता चला कि उनके बेटे का शव फंदे से लटक रहा है। पास ही मोबाइल था, जिसपर गेम चल रहा था।

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    पिता का आरोप, बेटे की हुई हत्या

    पिता का कहना है कि उनके बेटे की किसी ने हत्या की है और इसे आत्महत्या का रूप दिया है। उनके मुताबिक करीब 10 फीट की ऊंचाई पर फंदा था। बच्चा वहां तक पहुंच ही नहीं सकता था।

    उन्होंने बताया कि घटना के बाद से सभी दुखी थे। शनिवार को जब कमरे में रखे सामान की सरसरी तलाशी ली तो कमरे से तीन लाख रुपये नकद गायब मिले हैं। यह रकम साड़ी में छिपाकर बच्चे की मां ने रखे थे। साड़ी तो मिला, लेकिन रुपये गायब हैं।

    इससे ऐसा लगता है कि बच्चा शायद पानी पीने घर से बाहर निकला हो तो चोर आया और जब वह पैसे निकाल रहा हो, तब बच्चे की नजर उस पर पड़ी। इसके बाद उसने बच्चे की हत्या कर दी और इसे आत्महत्या का रूप दे दिया।

    मोबाइल के लत की बात को किया खारिज 

    पिता का कहना है कि उनके बच्चे को माेबाइल की कोई लत नहीं थी। जब से उनका बड़ा बेटा आगरा गया है, तब से उसका मोबाइल घर में ही था।

    इस मोबाइल का इस्तेमाल केवल इनकमिंग कॉल के लिए किया जाता था। यह मोबाइल रिचार्ज भी नहीं था। ऐसे में इसपर गेम खेलने या यूट्यूब देखने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।

    बच्चे को कार्टून देखना अच्छा लगता था, लेकिन गेम खेलने की लत जैसी कोई बात उन्होंने कभी नहीं देखी।

    पुलिस की कार्रवाई 

    पुलिस ने इस मामले में धारा 194 (आत्महत्या के लिए उकसाने की जांच) के तहत प्राथमिकी की है। पुलिस ने बच्चे के परिवार और पड़ोसियों से बयान दर्ज किए हैं।

    यह पता लगाया जा रहा है कि क्या बच्चे को माता-पिता की डांट, स्कूल का दबाव, या गेम में असफलता के कारण मानसिक तनाव था।

    पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु के सटीक कारण और समय की पुष्टि होगी। पुलिस ने यह भी जांच शुरू की है कि बच्चे ने आत्महत्या से पहले किन लोगों से बात की थी और क्या कोई बाहरी प्रभाव था।

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