Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सफदरजंग भूमि आवंटन घोटाला: फर्जी दस्तावेजों पर दे दी करोड़ों की जमीन, LG के आदेश पर DDA अधिकारी बर्खास्त

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 10:22 PM (IST)

    दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार के आरोप में सफदरजंग एन्क्लेव भूमि आवंटन मामले में शामिल एक डीडीए अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई जिसमें जाली दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों की जमीन आवंटित की गई थी बाहरी लोगों के साथ मिलीभगत का संकेत देती है। एलजी ने डीडीए से एक अन्य कर्मचारी की सजा पर पुनर्विचार करने को भी कहा है।

    Hero Image
    भूमि आवंटन मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में एलजी ने दिया डीडीए अधिकारी को बर्खास्त करने का आदेश

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने सफदरजंग एन्क्लेव में 2020 के भूमि आवंटन मामले में भ्रष्टाचार के आरोपित एक डीडीए अधिकारी (सहायक सचिव) को बर्खास्त कर दिया है। इस साल की शुरुआत में इसी मामले में बर्खास्त किए गए एक सहायक निदेशक के बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। यह कार्रवाई अधिकारियों की बाहरी लोगों के साथ मिलीभगत और गलत इरादे का संकेत देती है, जिसके बाद एलजी ने दंडित किए गए अन्य कर्मचारियों की सजा की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सजा पर पुनर्विचार करने को भी कहा

    राजनिवास के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह उसी मामले में तीसरी बर्खास्तगी है जिसमें दिल्ली सरकार के भूमि एवं भवन विभाग ने लगभग 40 साल पहले डीडीए से जांच की सिफारिश की थी। अधिकारियों ने आगे कहा, 'भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करने का एक और उदाहरण पेश करते हुए और डीडीए के दोषी कर्मचारियों को एक और कड़ा संकेत देते हुए एलजी ने बर्खास्तगी का दंड लगाया है। उन्होंने डीडीए से इस मामले में एक अन्य कर्मचारी को दी गई सजा पर पुनर्विचार करने को भी कहा है।'

    यह भी पढ़ें- दिल्ली: स्कूलों में पढ़ाया जाएगा RSS और स्वतंत्रता सेनानियों का पाठ, ‘राष्ट्रनीति’ से समझेंगे नागरिक कर्तव्य

    करोड़ों रुपये की जमीन आवंटित की

    उन्होंने बताया कि आरोपों के अनुसार, 'बर्खास्त अधिकारी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दक्षिण दिल्ली के पाश इलाके सफदरजंग एन्क्लेव में लाभार्थी की मिलीभगत से जाली दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये की जमीन आवंटित की थी।'

    मिलीभगत और गलत इरादे का संकेत

    अधिकारियों ने कहा कि डीडीए के बर्खास्त कर्मचारी ने "इस मामले की पूरी तत्परता से जांच नहीं की, जबकि यह मामला भूमि एवं भवन विभाग से कथित सिफ़ारिश पत्र मिलने के 40 साल बाद चल रहा था।" उन्होंने कहा कि इससे इस मामले से निपटने वाले कर्मचारियों की बाहरी लोगों के साथ मिलीभगत और गलत इरादे का संकेत मिलता है।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली में 75 सीएम श्री स्कूल विशिष्ट संस्थानों के तौर पर होंगे विकसित, एलजी वीके सक्सेना ने किया अधिसूचित