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    नोएडा में 5 दिन तक मां-बाप और बेटी को रखा डिजिटल अरेस्ट, फर्जी जज बन शातिर ने ऐसे ठगे 1.10 करोड़

    Updated: Tue, 11 Feb 2025 02:09 PM (IST)

    साइबर ठगों ने एलआईसी के सेवानिवृत्त प्रबंधक और उनके परिवार को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 1.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने उन्हें और उनके परिवार को गिरफ्तारी का इतना डर दिखाया कि उनकी तबीयत बिगड़ गई। हालांकि बैंककर्मियों को शक हुआ और उन्होंने उन्हें समझाया जिससे उनके 18 लाख रुपये बच गए। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

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    सेवानिवृत्त प्रबंधक और परिवार के सदस्यों को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 1.10 करोड़ रुपये ठगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नोएडा। साइबर ठगों ने एलआईसी के सेवानिवृत्त प्रबंधक और परिवार के सदस्यों को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 1.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने उन्हें व परिवार को इस कदर गिरफ्तारी का भय दिखाया कि उनकी तबीयत बिगड़ गई और लगातार बीपी गिरने लगा। 

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    वह दूसरी बार 18 लाख रुपये ट्रांसफर करने बैंक चले गए। दो दिन में ही इतनी राशि ट्रांसफर होने को लेकर बैंककर्मियों को शक हुआ तो उनके डिजिटल अरेस्ट होने की बात पूछी और उन्होंने इशारों में हामी भरी। फिर बैंककर्मी उन्हें समझाने लगे तो ठगों ने कॉल काट दी, जिससे उनके 18 लाख रुपये बच गए और वह ठगों के चंगुल से निकल सके। 

    ठगों ने ट्राईकर्मी बनकर फोन किया

    सेक्टर-19 के पीड़ित चंद्रभान पालीवाल ने बताया कि एक फरवरी को दोपहर 2.40 बजे उनके मोबाइल पर ठगों ने ट्राईकर्मी बनकर फोन किया। कहा कि दो घंटे में आपका सिम बंद हो जाएगा। बताया कि मुंबई पुलिस साइबर क्राइम के पास उनका केस है। फिर 2.50 बजे कोलाबा पुलिस स्टेशन से आई वीडियो कॉल पर कथित आईपीएस राजीव कुमार ने बात की। स्क्रीन पर ग्रेटर मुंबई पुलिस का लोगो दिख रहा था। 

    दस मिनट में पूरे परिवार को अरेस्ट करें

    कहा कि आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले के अलावा साइबर क्राइम के 23 अन्य मामलो में भी सामने आया है। उसी समय बैकग्राउंड में वायरलेस पर आवाज आई कि नोएडा पुलिस रेस्पांड, दस मिनट में पूरे परिवार को अरेस्ट करें। यह सुनकर चंद्रभान और उनकी पत्नी डर गए। ठगों ने आधार कार्ड, बैंक खाते, परिवार आदि की जानकारी ली। आधार कार्ड की कॉपी मंगा ली। 

    किसी बाहरी व्यक्ति को बताने से मना किया

    कहा कि आपकी जांच रिपोर्ट सीबीआई को भेज दी है। सीनियर अधिकारी जांच करेंगे। चंद्रभान के मोबाइल पर सीबीआई और साइबर क्राइम पुलिस के लोगो लगे कॉल्स आने लगे। ठगों ने पत्नी व बेटी का भी मोबाइल नंबर ले लिया और किसी बाहरी व्यक्ति को बताने से मना किया। सभी के अरेस्ट होने और अलग-अलग जेल में बंद होने, कैमरों से निगरानी रखे जाने, नोएडा पुलिस से बातचीत होने की बात कहकर पत्नी और बेटी को भी दिन रात डराते रहे। तीन फरवरी को सीबीआई कोर्ट में जज के सामने ऑनलाइन सुनवाई होना बताया। 

    तीनों से जमा पूंजी के बारे में पूछा

    जज बने ठग ने सुनवाई करने के दौरान बेल रद होना बोला और कोर्ट का एक ऑर्डर चंद्रभान के मोबाइल पर भेजा। फिर चंद्रभान समेत परिवार के तीनों सदस्यों से ग्रुप काल की। तीनों से जमा पूंजी के बारे में पूछा। सभी एफडी तुड़वाने को बोला। किसी भी तरह की होशियारी दिखाने पर तुरंत पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना बताया। 

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    बुरी तरह डरे चंद्रभान का बीपी गिर गया और तबीयत खराब हो गई फिर भी वह और उनकी पत्नी तीन फरवरी को मोबाइल चालू रखकर सेक्टर-16 स्थित अपने बैंक की शाखा में गए और सभी एफडी तुड़वाईं। चार फरवरी को ठगों के दिए बंधन बैंक की बेंगलुरु कोरामंगला शाखा के करंट एकाउंट में 1.10 करोड़ ट्रांसफर कर दिए।

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