दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा मुनीर खान, फर्जी कंपनी से करता था फ्रॉड; ऐसे खुला साइबर ठगी के सिंडिंकेट राज
दिल्ली पुलिस ने साइबर जालसाज मुनीर खान को गिरफ्तार किया है जो फर्जी कंपनी मेराकी मैनपावर सर्विसेज बनाकर साइबर अपराध से प्राप्त धन को सफेद करता था। उसने कंपनी के नाम पर कई खाते खुलवाए और ठगी के पैसे मंगवाए। पुलिस को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर मिली शिकायतों से इस धोखाधड़ी का पता चला। मुनीर पर पहले भी दुष्कर्म का मामला दर्ज है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुनीर खान उर्फ साहिल शर्मा नाम के एक कुख्यात साइबर जालसाज को गिरफ्तार किया है। उसने साथियों के साथ मिलकर गुरुग्राम में मेराकी मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक फर्जी कंपनी खोली, ताकि साइबर अपराध से प्राप्त धन को सफेद किया जा सके। बाद में साइबर अपराध से प्राप्त अवैध धन के स्रोत को छिपाने के लिए कंपनी के नाम पर चार चालू खाते खुलवा लिए गए और ठगी के पैसे उक्त खातों में मंगवाने का काम शुरू कर दिया गया।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर मिली शिकायतों से पुलिस को कंपनी के नाम पर खुले खातों में दिल्ली के एक पीड़ित का 3.99 लाख रुपये आने के अलावा देशभर में दर्ज 85 अन्य साइबर अपराध से जुड़े मामलों के करोड़ों रुपये आने का पता चला। पुलिस अब धोखाधड़ी की कुल राशि का मूल्यांकन करने और सिंडिकेट के अन्य सदस्यों का पता लगा उन्हें पकड़ने में जुट गई हैं।
डीसीपी क्राइम ब्रांच, आदित्य गौतम के मुताबिक मुनीर खान, गांव असोटी, पलवल, हरियाणा का रहने वाला है। इसपर पहले का एक दुष्कर्म का केस भी दर्ज है, जिसमें उत्तम नगर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस मामले में वह साढे चार साल जेल में रहा था। मुनीर 12वीं पास है। मेराकी मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की वह खुद को निदेशक होने का दावा करता था।
उसने अपने सहयोगी शुभम, मुकीम और मुंजिर आदि के साथ मिलकर मेराकी मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी खोली और उसका इस्तेमाल साइबर अपराध से प्राप्त धन को सफेद करने के लिए किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि अवैध धन के स्रोत को छिपाने के लिए कंपनी के नाम पर अलग-अलग बैंकों के चार खाते के बारे में पता चला है। इसके घर से 200 चेक व धोखाधड़ी से जुड़े खातों के चार डेबिट कार्ड मिले हैं।
यह मामला 22 मई को एक व्यक्ति के आइफोन खो जाने की शिकायत से खुला। फोन नंबर पीड़ित के खाते से लिंक था। 26 मई को नया सिमकार्ड लेकर पीड़ित ने जैसे ही उसे दूसरे मोबाइल में लगाया उनके पास 3.99 लाख रुपये निकाले जाने के नौ एसएमएस प्राप्त हुए। इसपर उन्होंने दोबारा पुलिस से शिकायत कर उन्हें मामले से अवगत कराया।
एसीपी अनिल शर्मा व इंस्पेक्टर मंजीत कुमार की टीम ने जांच में पाया कि पीड़ित के आइफोन में कोई लाक नहीं था। जिससे साइबर ठग ने पहले यह पता लगाया कि आइफोन का नंबर बैंक से लिंक है या नहीं। बैंक से लिंक होने व खाते में पैसे होने की जनकारी मिलने के बाद वन टाइम पासवर्ड के जरिये उसने 3.99 लाख रुपये निकाल लिए। जांच से पता चला कि धनराशि कई खातों के माध्यम से भेजी गई थी।
एक खाता तेलंगाना का मिला जिसमें एक लाख भेजे गए थे। जिसे बाद में मेराकी मैनपावर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक अन्य खाते में स्थानांतरित कर दिया गया। केवाईसी जांच से पता चला कि पंजीकृत पता खाली था। लगातार प्रयासों से धोखाधड़ी करने वाली कंपनी का संचालन स्पेस आइटी पार्क, गुरुग्राम में होने का पता चला। उसके बाद आरोपित को दबोच लिया गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।