फेसबुक और टेलीग्राम से निवेश के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, बीटेक पास सरगना ने किया करोड़ों का घपला
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया जो 6.03 करोड़ रुपये के ऑनलाइन निवेश घोटाले का मास्टरमाइंड है। फेसबुक और टेलीग्राम के माध्यम से पीड़ितों को शेयर ट्रेडिंग में अच्छे रिटर्न का लालच देकर उसने ठगी की। वह साइबर कैफे की आड़ में यह गोरखधंधा कर रहा था। पुलिस ने उसे ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया और आगे की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट कृष्ण कुमार को 6.03 करोड़ रुपये के ऑनलाइन निवेश घोटाले का मास्टरमाइंड होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फेसबुक और टेलीग्राम के माध्यम से पीड़ितों को शेयर ट्रेडिंग में अच्छा रिटर्न का लालच देकर ठगी की थी। वह दो साइबर कैफे चलाकर उसकी आड़ में यह गोरखधंधा कर रहा था।
टेलीग्राम चैनल में किया शामिल
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, धोखेबाज ने फेसबुक के जरिए पीड़ितों को निशाना बनाया। उसने लोगों को मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर उन्हें "Plus500 Global CS" नाम के एक टेलीग्राम चैनल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
पीड़ित को कर दिया ब्लॉक
पुलिस ने बताया कि वह उस ग्रुप में पीड़ितों को नकली प्रॉफिट वाले स्क्रीनशॉट, जाली ट्रेडिंग डैशबोर्ड और स्क्रिप्टेड चैट दिखाकर भरोसा जीतता रहा।
धीरे-धीरे उसने पीड़ित को 6.03 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए राजी किया, जो कई किश्तों में सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित खातों में स्थानांतरित किए गए। जब पीड़ित ने रुपये निकालने की कोशिश की, तो उसे ब्लॉक कर दिया गया।
कई बार करता था रकम ट्रांसफर
पुलिस के अनुसार, अपनी पहचान छुपाने के लिये कृष्ण कुमार नकली व्हाट्सएप नंबर और वर्चुअल फोन लाइनों का उपयोग करता था। वह निवेश की गई रकम को कई खातों के माध्यम से ट्रांसफर करता था ताकि पता न लगाया जा सके।
साइबर सेल ने 57 लाख रुपये की राशि को 'प्रियंका प्लेसमेंट एंड लोन सर्विसेज' नामक एक फर्जी कंपनी के खाते में ट्रेस किया, जिसके बाद आरोपित के बारे में जानकारी जुटाई जा सकी। इसके बाद ठग कृष्ण को ग्रेटर नोएडा के कुलेशरा से गिरफ्तार किया गया।
रकम बरामदगी में जुटी पुलिस
पुलिस ने बताया कि आरोपित को अन्य सिंडिकेट सदस्यों की पहचान के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है। उन्नत डिजिटल फॉरेंसिक, डिवाइस क्लोनिंग और फाइनेंशियल ट्रेल मैपिंग के जरिए लोगों के निवेश किये गए रकम को बरामद करने की कार्रवाई की जा रही है।
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