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    दिल्ली क्राइम ब्रांच का बड़ा खुलासा, एक करोड़ की नौ किलोग्राम प्रतिबंधित दवा के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 05:57 PM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अल्प्राजोलम की तस्करी में शामिल दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से नौ किलोग्राम से अधिक अल्प्राजोलम टैबलेट बरामद की गई हैं जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये है। निशांत पाल और अजय कुमार नामक ये तस्कर दिल्ली-एनसीआर में दवाओं की आपूर्ति करते थे। पुलिस ने एक मोटरसाइकिल भी जब्त की है।

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    एक करोड़ की प्रतिबंधित दवा बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रतिबंधित दवा अल्प्राजोलम की आपूर्ति में शामिल दो ड्रग तस्करों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया। आरोपितों के कब्जे से नौ किलोग्राम से अधिक अल्प्राजोलम टैबलेट बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब एक करोड़ रुपये है।

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    इसके अलावा दवाओं की आपूर्ति में इस्तेमाल की जाने वाल एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान साहिबाबाद के निशांत पाल और अजय कुमार के रूप में हुई है।

    उपायुक्त संजीव कुमार यादव के मुताबिक, 28 जुलाई को हेड कांस्टेबल दीपक परेवा और एएसआई सतबीर सिंह को दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास ड्रग्स की आपूर्ति के संबंध में एक गुप्त सूचना मिली थी।

    सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एसीपी राजकुमार की देखरेख में और इंस्पेक्टर प्रवीण राठी के नेतृत्व में गठित टीम ने अपसरा बार्डर-आनंद विहार आईएसबीटी फ्लाईओवर पर जाल बिछाया और मोटरसाइकिल सवार निशांत पाल को पकड़ लिया।

    मोटरसाइकिल पर रखे एक खाकी कार्टन से कुल 6.240 किलोग्राम अल्प्राजोलम टैबलेट (लगभग 60 हजार टैबलेट) बरामद की गईं।

    आगे की जांच के दौरान उसके सह आरोपित अजय कुमार को सात अगस्त को गिरफ्तार किया गया और उसकी निशानदेही पर राजेंद्र नगर, गाजियाबाद स्थित उसके गोदाम से तीन किलोग्राम से अधिक अल्प्राजोलम टैबलेट की अतिरिक्त बरामदगी की गई।

    पूछताछ में पता चला कि निशांत एक मेडिकल स्टोर में काम करता था, जिसे दवाओं का अच्छा ज्ञान था। वह दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में मांग के अनुसार बिना डाक्टर के पर्चे के अल्प्राजोलम टैबलेट की आपूर्ति करता था, प्रत्येक डिलीवरी के लिए अतिरिक्त पैसे लेता था।

    वहीं, अजय एक एमआर के साथ काम करता था और अल्प्राजोलम टैबलेट की आपूर्ति के लिए प्रत्येक डिलीवरी के लिए कमीशन के आधार पर बिचौलिए के रूप में काम करता था।

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