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    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गर्भवती महिला और उसके दो साल के बेटे की हत्या करने वाला पैरोल जंपर गिरफ्तार

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 05:16 PM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक गर्भवती महिला और उसके दो साल के बेटे की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पैरोल जंपर अशोक को गिरफ्तार किया है। अशोक 2020 से फरार था जिसे मां की मृत्यु के कारण पैरोल मिली थी। उसने 2007 में अपने साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था जिसमें बालेश्वर नामक व्यक्ति बाल-बाल बच गया था।

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    गर्भवती महिला और उसके दो साल के बेटे की हत्या करने वाला पैरोल जंपर गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गर्भवती महिला और उसके दो साल के बेटे की हत्या में शामिल आजीवन कारावास की सजा काट रहे पैरोल जंपर को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पिछले पांच वर्षों से फरार था। आरोपित की पहचान सिकंदराबाद, बुलंदशहर के अशाेक के रूप में हुई है, जिसे वर्ष 2020 में मां की मृत्यु के आधार पर दो सप्ताह की पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन आत्मसमर्पण न कर वह फरार हो गया।

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    उपायुक्त संजीव कुमार यादव के मुताबिक, आरोपित अशोक का जीजी बालेश्वर रानी नाम की एक महिला के साथ विवाहेतर संबंध में था। 2007 में अशोक ने रानी को बालेश्वर के साथ संबंध खत्म करने की चेतावनी दी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक जून 2007 को, आरोपित अशोक अपनी बहन सुमन (बालेश्वर की पत्नी) और अपने गांव के तीन साथियों बादल, अमित और जोगेंद्र के साथ रानी के घर पहुंचा, जहां बालेश्वर भी मौजूद था।

    आरोपित ने अपने साथियों के साथ मिलकर बालेश्वर और सरिता (रानी की बेटी, जो उस समय गर्भवती थी) और उसके दो साल के बेटे अभिषेक पर गोलियां चला दीं। बालेश्वर गोली लगने से बाल-बाल बच गया, जबकि सरिता और उसके बेटे की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी।

    क्राइम ब्रांच की टीम को पैरोल जंपर अपराधियों को पकड़ने का काम सौंपा गया था। इसी दौरान हेड कांस्टेबल मिंटू यादव को अशोक के बारे में गुप्त सूचना मिली कि वह वर्तमान में सिकंदराबाद इलाके में रह रहा था। पकड़े जाने से बचने के लिए वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। लगभग एक महीने तक उसके संभावित ठिकानों पर खुफिया निगरानी रखी गई। स्थानीय सिकंदराबाद पुलिस की सहायता से छापेमारी करते हुए उसे सिकंदराबाद इलाके से गिरफ्तार किया गया।

    पूछताछ में उसने बताया कि पैरोल पर रिहा होने के बाद, वह अपने आस-पास के गांवों के खेतों में रहने लगा। भागने के एक साल बाद, जब दिल्ली पुलिस ने उसके घर की लगातार तलाशी और छापेमारी की, तो वह अपना गांव छोड़कर गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रहने लगा। उसने अपने परिवार से भी नाता तोड़ लिया और दूर-दराज के इलाकों में रहने लगा। हालांकि, हाल ही में वह यूपी लौट आया और बुलंदशहर के सिकंदराबाद इलाके में रह रहा था।

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