मोहल्ला क्लीनिक के संविदाकर्मियों को हटाने से पहले देना होगा नोटिस, जानें हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से क्या कहा
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि मोहल्ला क्लीनिक के किसी भी संविदा कर्मचारी को 31 मार्च 2026 से पहले हटाने से पहले दो महीने का नोटिस देना होगा। यह आदेश फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारियों की याचिका पर आया जिन्होंने हटाने की शिकायत की थी। सरकार ने कहा है कि अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि यदि वह 31 मार्च 2026 से पहले मोहल्ला क्लीनिक (एएएमसी) के किसी भी संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव करती है, तो उसे दो माह पूर्व नोटिस देना होगा।
न्यायमूर्ति प्रतीक जलान ने यह आदेश मोहल्ला क्लीनिक के फार्मासिस्ट, असिस्टेंट और मल्टीटास्क वर्कर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि उन्हें हटाकर अन्य संविदा कर्मियों से बदला जा रहा है, जबकि कुछ को तो फोन पर ही ड्यूटी पर न आने के लिए कह दिया गया है।
दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया कि किसी भी कर्मचारी की सेवा समाप्त करने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कोर्ट ने इससे पहले मोहल्ला क्लीनिक के डाॅक्टरों की याचिका पर भी इसी तरह का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार के तहत जहां-जहां आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू हो रहे हैं, वहां मोहल्ला क्लिनिक चरणबद्ध तरीके से बंद किए जा रहे हैं।
अगस्त 2023 तक दिल्ली में 533 मोहल्ला क्लीनिक चालू थे, जिनमें से कम से कम सात को अब आयुष्मान भारत योजना के तहत आरोग्य मंदिर में बदला जा चुका है।
17 मई को हुए विरोध के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया था कि मौजूदा पैरा-मेडिकल और सपोर्ट स्टाफ को आरोग्य मंदिरों में समायोजित किया जाएगा।
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