द्वारका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने चार आरोपितों को दी अनोखी सजा, दो बुलाने पर भी नहीं आने पर कोर्ट ने लिया एक्शन
द्वारका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 2018 के एक मामले में चार आरोपियों को कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का दोषी पाया। न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ गोयल ने आरोपियों को जमानत बांड जमा न करने और कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 228 के तहत दोषी ठहराया। उन्हें पूरे दिन अदालत में हाथ उठाकर खड़े रहने की सजा सुनाई। अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : द्वारका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक मामले में चार आरोपितों को अवमानना का दोषी पाते हुए पूरे दिन कोर्ट में हाथ उठाकर खड़े रहने का आदेश दिया।
न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ गोयल ने 15 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि सुबह 10 से 11:40 बजे तक इंतजार करने और दो बार बुलाए जाने के बावजूद आरोपितों ने जमानत बांड जमा नहीं किए।
इससे कोर्ट का समय बर्बाद हुआ, जो पिछली सुनवाई में दिए गए आदेश की अवमानना है।य ह मामला 2018 में की गई शिकायत से जुड़ा है। जो अभी सबूतों के चरण में है।
इसके लिए चारों आरोपितों कुलदीप, राकेश, उपासना और आनंद को भारतीय दंड संहिता की धारा 228 (न्यायिक कार्यवाही में बाधा डालने या अपमान करने) के तहत दोषी ठहराया गया।
कोर्ट ने आदेश दिया कि ये आरोपित पूरे दिन अदालत में सीधे हाथ उठाकर खड़े रहें। इस मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
यह भी पढ़ें- दिल्ली हाई कोर्ट में की गई छह नए जजों की नियुक्ति, मुख्य न्यायाधीश 21 जुलाई को इन्हें दिलाएंगे शपथ
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।