अदालत से झटका : यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा की जमानत याचिका खारिज, हत्या के प्रयास का है मामला
दिल्ली यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा को अदालत से बड़ा झटका लगा है। हत्या के प्रयास के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। स्टैंड-अप कॉमेडियन रतन रंजन ने आरोप लगाया था कि भाजपा मुख्यालय के पास उन पर जानलेवा हमला किया गया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस हिरासत में पूछताछ को आवश्यक बताया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा को अदालत से बड़ा झटका लगा है। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मामला स्टैंड-अप कामेडियन रतन रंजन की शिकायत पर 24 जुलाई को बाराखंभा रोड थाना में दर्ज एफआउआर से जुड़ा है।
मारने की नीयत से कार चढ़ाने की कोशिश
रतन रंजन ने आरोप लगाया था कि भाजपा मुख्यालय के पास एक कार सवार ने पहले उन्हें अगवा करने की कोशिश की और जब वह विफल रहा, तो जान से मारने की नीयत से कार चढ़ाने की कोशिश की गई।
इस मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपपत की पुलिस हिरासत में पूछताछ आवश्यक है, जिससे पूरे घटनाक्रम और किसी संभावित साजिश का पर्दाफाश हो सके।
यह भी पढ़ें- Court News : मानहानि मामले में मेधा पाटकर को हाई कोर्ट से झटका, निचली अदालत का फैसला बरकरार, दी एक राहत
सीसीटीवी फुटेज से आरोपों की पुष्टि
दिल्ली पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट में अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि करता है और आरोपित से विस्तृत पूछताछ जरूरी है।
वहीं, बचाव पक्ष ने दावा किया कि शिकायतकर्ता गाड़ी के सामने नहीं बल्कि दाईं ओर था, इसलिए जानबूझकर टक्कर की बात निराधार है। इस पर कोर्ट ने साफ किया कि जानलेवा टक्कर के लिए वाहन का ठीक सामने होना जरूरी नहीं होता, तेज रफ्तार से किसी भी दिशा में टक्कर घातक साबित हो सकती है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता की सतर्कता से हादसा टला, लेकिन इससे घटना की गंभीरता कम नहीं होती। घायल न होने का तर्क भी आरोप को कमजोर नहीं करता।
यह भी पढ़ें- उदयपुर फाइल्स की रिलीज रोकने की कोशिश; वकील ने कहा- कन्हैया लाल के हत्यारोपित की निष्पक्ष सुनवाई पर मंडरा रहा खतरा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।