Chetan Chauhan: गांव-गांव में हो खेल का मैदान इसके लिए आखिरी श्वास तक करते रहे काम
Chetan Chauhan बतौर राष्ट्रीय महामंत्री कार्य करने वाले राज चौधरी बताते हैं कि चेतन चौहान बहुत ही परिश्रम करने वाले थे।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। Chetan Chauhan: पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान अपनी आखिरी श्वास तक गांव-गांव में खेल बढ़े देश बढ़े के मंत्र को लेकर काम कर रहे थे। उन्होंने 100 जिलों तक सीमित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन क्रीडा भारती को न केवल अखिल भारतीय बनाया, बल्कि देश के 27 राज्यों के 503 जिलों में संगठन को खड़ा किया। हर जिले में कार्यकारिणी और पदाधिकारियों की नियुक्ति की। उनके साथ बतौर राष्ट्रीय महामंत्री कार्य करने वाले राज चौधरी बताते हैं कि चेतन चौहान बहुत ही परिश्रम करने वाले थे। यही वजह है कि वर्ष 2009 में क्रीडा भारती का राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व स्वीकार करने के बाद वह 27 राज्यों के विभिन्न गांव-गांव जाकर कार्य करते थे। वहां पर खेल के लिए कार्य करने वालों को संगठन में जोड़कर उनकी चिंता करते थे। वहीं गांव देहात में अगर किसी गरीब खिलाड़ी को कोई मदद करनी पड़े तो इसके लिए भी पीछे नहीं हटते थे।
पांच-छह वर्ष पूर्व के संस्मरण को याद करते हुए राज चौधरी बताते हैं कि वह जबलपुर उनके साथ प्रवास पर गये थे। इस दौरान एक गांव में उन्होंने गांव के युवाओं को बिना जूतों के कबड्डी खेलते हुए देखा। उन्होंने बच्चों को सुझाव दिया कि वह जूते पहनकर खेले तो शरीर के लिए उपयुक्त रहेगा। इस दौरान युवाओं ने जूते के लिए धन न होने की बात कही तो उन्होंने अगले दिन की सुबह तक पूरी टीम को जूतों की व्यवस्था करवाई। राज चौधरी कहते हैं कि उन्होंने आखिरी श्वास तक क्रीडा भारती के लिए कार्य किया जिसे भुलाया नहीं जा सकता है।
गौरतलब है कि रविवार शाम को क्रिकेटर से राजनेता बने चेतन चौहान का दिल्ली से सटे गुरुग्राम में निधन हो गया, वह कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गए थे। शनिवार को उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई थी। वह यूपी सरकार में मंत्री थे।
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