Delhi Power Crisis: क्या दिल्ली में होगा ब्लैक आउट? पढ़िए बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन का जवाब
Delhi Power Crisis ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ब्लैक आउट इसपर निर्भर है कि केंद्र सरकार की तरफ से बिजली मिलेगी या नहीं। जब तक बिजली केंद्र से मिलती रहेगी तब तक ब्लैकआउट नहीं होगा।

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली में कोयला संकट के कारण बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बड़ा बयान दिया है।सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ब्लैक आउट इस पर निर्भर है कि केंद्र सरकार की तरफ से बिजली मिलेगी या नहीं। जब तक बिजली केंद्र से मिलती रहेगी तब तक ब्लैकआउट नहीं होगा। केंद्र की तरफ से बिजली अभी आधी मिल रही है। हम महंगी बिजली खरीदकर लोगों को दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने देश के सभी प्लांटों में बिजली उत्पादन आधा कर दिया है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोई कोयला बिजली संयंत्र नहीं है। हम दूसरे राज्यों में स्थित कोयला संयंत्रों से बिजली खरीदते हैं। एनटीपीसी ने अपने सभी संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को आधा कर दिया है। इसके दो कारण हो सकते हैं, पहला कोयले की कमी या दूसरा केंद्र ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है।

इससे पहले सोमवार को ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) दिल्ली को समझौते के अनुरूप बिजली नहीं दे रही है। राजधानी में मांग कम होने के बावजूद महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसी भी बिजली संयंत्र में कम से कम 15 दिनों का कोयला भंडार होना चाहिए। इसके विपरीत अभी ज्यादातर संयंत्रों में दो-तीन दिनों का भंडार है। केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि जब एनटीपीसी के सारे संयंत्र 50 से 55 फीसद क्षमता पर काम कर रहे हैं तो फिर कोयले की कमी कैसे उत्पन्न हो रही है?
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह द्वारा देश में बिजली संकट नहीं होने का दावा करने पर उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को चिट्ठी क्यूं लिख रहे हैं? सच्चाई यह है कि बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी बड़ी समस्या है। बता दें कि अभी हाल में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

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